उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हर राज्य की प्रदूषण रोधी इकाइयों के साथ मिलकर सात बड़े शहरों में ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की और इससे पता चला कि इन शहरों में ध्वनि प्रदूषण का औसत स्तर तय सीमा को पार कर गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं बढ़ते ध्वनि प्रदूषण का हेल्थ पर क्या इफेक्ट पड़ता है. जानिए, इसके कुछ प्रभावों के बारे में.
ध्वनि प्रदूषण के प्रभावः
- आमतौर पर नॉयज पॉल्यूशन से स्ट्रेस संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं. नींद डिस्टर्ब होती है और प्रोडक्टिविटी कम होती है.
- ध्वनि प्रदूषण का सुनने की क्षमता पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. तेज आवाज से ईयरड्रम डैमेज हो सकते हैं. इससे कई बार बहरापन भी हो जाता है.
- ध्वनि प्रदूषण से एंजाइटी बढ़ती है और स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है जिससे कई बार सिरदर्द, इरिटेशन और नर्वसनेस बढ़ जाती है. थकान महसूस होने लगती है. काम करने की क्षमता घट जाती है.
इनपुटः एजेंसी