नई दिल्लीः आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 61 प्रतिशत मौतें नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ यानी एनसीडी के कारण हो रही हैं. इनमें हार्ट डिजीज़, कैंसर और डायबिटीज शामिल हैं. इसके अलावा इनमें से लगभग 23 प्रतिशत लोग समय से पहले मृत्यु के खतरे में भी जी रहे हैं.


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, तेजी से शहरीकरण के कारण, भारत में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ बढ़ रही हैं.


नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ का कारण-
नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ के लिए जिम्मेदार हैं- तंबाकू, अनहेल्दी डायट, कसरत ना करना और अत्यधिक शराब का सेवन.
कुछ अन्य प्रमुख कारकों में मोटापा, ब्लतड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल में बढोत्तरी. इन सभी जोखि‍म कारकों को जीवनशैली में बदलाव से बदला जा सकते है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि कंप्यूटर पर काम करते हुए लंबे समय तक हम एक डेस्क पर बैठे रहते हैं, स्मार्टफोन पर सोशल मीडिया का उपयोग कर टीवी देखते हैं. ये सभी गतिविधियां गतिहीन व्यवहार को बढ़ावा देती हैं. इतना ही नहीं, खुली जगह की कमी के कारण, सभी आयु समूहों में शारीरिक गतिविधि का स्तर कम हो गया है.


कुछ उपयोगी टिप्स :




  • जितनी बार हो सके सीढ़ियों पर चढ़ें उतरें.

  • बस स्टॉप से बाहर निकल कर बाकी रास्ते पैदल चलें.

  • ड्राइविंग के बजाए पास की दुकान तक पैदल जाएं

  • फोन पर बात करते समय खड़े होकर घूमें-फिरें.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.