Cavity: अनदेखा करने पर खतरनाक रूप ले सकती है कैविटी, जानें बचाव के उपाय
Cavity: कैविटी होना या दांत में कालापन होना ऐसी समस्या नहीं है, जिसे अनदेखा किया जाए. क्योंकि अगर इस समस्या को बढ़ने दिया तो दांत पूरी तरह गल सकता है.
Cavity Care: कैविटी को आम भाषा में दांत में कीड़ा लगना भी कहते हैं. ऐसा होने पर सबसे पहले दांत या दाढ़ में काला निशान दिखना शुरू होता है, जो धीरे-धीरे बड़ा होता चला जाता है. एक समय ऐसा भी आता है, जब ये काला निशान आपकी पूरी दाढ़ को काला कर देता है और आपकी दाढ़ या दांत कुछ खाते समय अचानक से टूट जाते हैं... ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये कैविटी आपके दांत को कमजोर कर चुकी होती है. लेकिन कैविटी होने के बाद का डर सिर्फ दांत टूटने तक सीमित नहीं है. बल्कि कई और भी समस्याएं हो सकती हैं, जो बहुत भारी पड़ सकती हैं...
दांतों के बीच की नर्व्स का दबना
दांतों के बीच में महीन नर्व्स और ब्लड वेसल्स होती हैं. जब आपके दांत में कैविटी हो जाती है तो इसके कारण ये नर्व्स और वेसल्स दब भी सकती हैं, जिससे आपका दर्द और खर्च दोनों बढ़ सकते हैं.
बढ़ती जाती है कैविटी
कैविटी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि ये दांत के अंदर के टिश्यूज को इंफेक्ट करने लगती है. इससे दांत दर्द होना और दांतों में सेंसेशन होने की समस्या बढ़ जाती है. इस स्थिति में आप ठंडा या गर्म खाना खाते समय सिहर उठते हैं.
पड़ेगी रूट कैनाल की जरूरत
यदि आप कैविटी को बढ़ने देंगे तो इस स्थिति में रूट कैनाल ही एक विधि बचती है, जिसके जरिए आप अपने दर्द से छुटकारा पा सकते हैं. लेकिन यह प्रक्रिया खुद भी काफी दर्दभरी होती है. इसलिए कैविटी शुरू होते ही, डेंटिस्ट के पास जाना बेहतर विकल्प होता है.
सूजन के कारण दर्द का बढ़ना
कैविटी होने पर यदि समय पर ध्यान ना दिया जाए तो इंफेक्शन बढ़ते-बढ़ते दांत की अंदरूनी नर्व्स तक पहुंच जाता है. ऐसे सूजन और इंफेक्शन के कारण इस नर्व में ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है और ब्लड सप्लाई बंद होने से नर्व डेड हो जाती है. जब नर्व डेड हो जाती है तो दर्द से तो आपको छुटकारा मिल जाता है लेकिन दांत के क्षय होने की प्रक्रिया चलती रहती है. और यह दांत पूरी तरह कमजोर होकर कभी भी टूट सकता है और मुंह में चोट लगने, इंफेक्शन फैलने या ब्लीडिंग होने की वजह बन सकता है.
मुंह के इंफेक्शन
ऐसा नहीं है कि कैविटी होने पर सिर्फ आपको दांत संबंधी समस्याओं का ही खतरा रहता है, बल्कि मुंह में डेड सेल्स होने से आपके पूरे मुंह को कई दूसरे इंफेक्शन लगने का खतरा भी बना रहता है. कैविटी के कारण डेड होने वाले सेल्स मुंह में ही रहते हैं और इस कारण अन्य हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने का माहौल मिलता है. इससे मुंह का फ्लोर, गला या गाल तक में इंफेक्शन पहुंच सकता है. आपको जॉ लाइन में दर्द हो सकता है या फीवर की समस्या हो सकती है. कुछ खास मामलों में इंफेक्शन बढ़कर ब्रेन तक भी पहुंच जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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