नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने नॉवल नामक एक नए मैग्‍नेटिक डिलीवरी मैथड को विकसित किया है जो 50% तक कीमोथेरेपी ड्रग से होने वाले हियरिंग लॉस से बचा सकता है.


कैंसर ट्रीटमेंट-
सिसप्लैटिन (Cisplatin) का आमतौर पर बच्चों के कैंसर को ट्रीट करने के लिए इस्तेमाल होता है लेकिन इस ट्रीटमेंट के दौरान 10 में से 9 बच्चों को बहरेपन की समस्या हो जाती है.


स्टेरॉयड का फायदा-
स्टेरॉयड के जरिए सिसप्लैटिन से हुए सुनने के नुकसान को कम कर सकते हैं लेकिन इसके साथ ही वे कैंसर सेल्स को मारने सिसप्लैटिन की क्षमता को भी कम कर सकते हैं.


ऐसे में सिसप्लैटिन का प्रभाव बनाए रखने के लिए इसे कान के अंदर (cochlea) तक डायरेक्ट पहुंचाने की जरूरत है जिससे इसके साइड इफेक्ट भी कम हो सके.


मैग्नेटिक फील्ड्स का उपयोग-
शोधकर्ताओं ने मैग्नेटिक फील्ड्स का उपयोग दवाओं से ढंके हुए आयरन नैनोपार्टिकल्स को कवर कर कान के अंदर तक पुश करने के लिए किया. जिससे कीमोथेरेपी ड्रग सिसप्लैटिन से 50% तक कानों की हानि कम हो.


यूके बेस्ड हियरिंग लॉस एक्शन के निदेशक राल्फ हॉल्म का कहना है कि यह अच्छी खबर है कि सिसप्लैटिन से कैंसर के उपचार के दौरान बच्चों को कम सुनने से बचाने के नए तरीकों को खोजने के लिए प्रगति की जा रही है.


क्या कहते है शोधकर्ता-
सेल्युलर न्यूरोसाइंस में फ्रंटियर्स में प्रकाशित रि‍पोर्ट के अनुसार, सामान्य इंट्रा-टाइम्पेनिक इंजेक्शन की तुलना में ये काफी अधिक कुशल है और इसे कान में किसी भी दवा को देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा इन दवाओं को आंखों या त्वचा में देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.


शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि इस टेक्नीक का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार से होने वाली बहरेपन की समस्या के इलाज के लिए किया जा सकता है.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.