लंदन: शोधकर्ताओं ने एक ऑटोमैटिक क्विक ब्लड टेस्ट सिस्टम विकसित किया है जिससे मलेरिया की पहचान जल्दी और ज्यादा अच्छे तरीके से हो सकती है.


म्यूनिख तकनीकी विश्वविद्यालय (टीयूएम) के मुताबिक, नई टेक्नीक रोग की पहचान 97% तक सटीक करने में सक्षम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में 2015 में मलेरिया से करीब 430,000 लोगों की मौत हुई थी.

अब तक डॉक्टर्स ब्लड में मलेरिया के बैक्टीरिया की पहचान माइक्रोस्कोप से करते थे. इसमें अधिक समय लगता है.

इस नए परीक्षण में अलग-अलग ब्लड सैंपल्स के 30 कॉम्बिनेशंस का इस्तेमाल करके एक ऑटोमैटिड मैथ्ड से टेस्ट किया गया. इस तरीके का विकास म्यूनिख तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रोसेसर ओलिवर हैडेन और सीमेन्स हेल्थीनर्स के जान वान डेन बोगार्ट ने किया है.

शोधकर्ताओं ने स्वस्थ प्रतिभागियों और मलेरिया मरीजों के रक्त नमूनों की जांच एक सांख्यिकी मूल्यांकन पर किया. इस आधार पर वे रक्त के 30 नमूनों की पहचान करने में समक्ष थे, जो रोग से पीड़ित लोगों में मात्रात्मक विचलन प्रस्तुत किए.