नई दिल्ली: काफी समय पहले सरकार ने हार्ट पेशेंट के लिए बड़ी उपयोगी स्टेंट की कीमतें कम करने का ऐलान किया था और आज रोगियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने कोरोनरी स्टेंट की कीमत 85 फीसदी तक कम कर दी है. इसके साथ ही बेयर मेटल के स्टेंट की कीमत 7260 रुपये और दवा घुलने वाले स्टेंट के दाम 29,600 तय किये हैं.
राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकार-नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि जनहित में उसने बेयर मेटल स्टेंट के दाम 7260 रुपये और दवा घुलने वाले स्टेंट और बायोरिसॉर्बेबिल वस्क्युलर स्काफोल्ड (बीवीएस) या बायोडिग्रेडेबिल स्टेंट की कीमत 29,600 रुपये निर्धारित कर दी है. इससे हृद्य रोगियों की होने वाली सर्जरी की लागत में निश्चित तौर पर कमी आएगी.
कोरोनरी स्टेंट की आकृति ट्यूब के समान होती है जिसे हृदय रोग के उपचार के दौरान हृदय में रक्त प्रवाह करने वाली नलिकाओं में लगाया जाता है. ये धमनी-शिराओं को खुला रखते हैं. इस समय स्टेंट का अधिकतम खुदरा मूल्य 25,000 रुपये से 1.98 लाख रुपये तक है.
एनपीपीए की वेबसाइट पर जारी जानकारी के अनुसार अस्पताल सबसे ज्यादा मुनाफा स्टेंट से कमाते हैं. इनसे 654 फीसदी तक का लाभ अस्पतालों द्वारा कमाया जाता है.
एनपीपीए ने अपने आदेश के कारणों को गिनाते हुए कहा, ‘‘पता चला कि कोरोनरी स्टेंट की सप्लाई चेन में हर स्तर पर अनैतिक तरीके से ज्यादा राशि ली जाती है. पेशेंट्स और डॉक्टरों के बीच की जानकारी ना होने के चलते बाजार व्यवस्था में बहुत ज्यादा मूल्य हो जाते हैं जो पेशेंट को वित्तीय संकट में डालते हैं.’’ इसमें कहा गया कि इस तरह की असामान्य परिस्थितियों में जनहित में बहुत जरूरी है कि कोरोनरी स्टेंट की कीमत की सीमा निर्धारित की जाए ताकि रोगियों को राहत पहुंचाई जा सके.
सरकार ने जुलाई 2016 में कोरोनरी स्टेंट को आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) 2015 में शामिल किया था. दिसंबर 2016 में स्टेंट को दवा मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 2013 की पहली अनुसूची में शामिल किया गया था.