Nutrition Importance: अच्छा पोषण दिमाग और सेहत की बुनियाद है. संतुलित डाइट खाना हर शख्स के लिए बेहतर स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है. फूड की मात्रा और प्रकार आपके शरीर के काम को प्रभावित करते हैं. लेकिन तकनीक की समझ रखनेवाली दुनिया में हमारे फूड की मात्रा और क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है और कई फैक्टरों जैसे पोषण मूल्य और क्वालिटी के बजाए स्वाद और सुविधा से संचालित हो रही है.


फूड का चुनाव पौष्टिकता को छोड़कर हो रहा है. उसके हमारी सेहत पर कम समय और लंबे समय दोनों के नतीजे होते हैं. फास्ट फूड की अधिक शुगर और नमक की मात्रा से मोटापा, हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियां दूसरे लोगों के मुकाबले बहुत कम उम्र में बढ़ रही है. कैलोरी से खाली फूड का ज्यादा सेवन भी हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम डाल रहा है.

 

क्या बच्चों को स्कूल से पोषण का महत्व बताया जाए?

 

हमारे फूड का चुनाव हमारे शरीर और दिमाग को बयान करता है. इसलिए स्वाद और दूसरी सुविधा के बजाए पोषक मूल्य को देखकर चुनाव किया जाना चाहिए. आपको पोषक मूल्य, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, मिनरल्स, शुगर की मात्रा के बारे में जानकारी होनी चाहिए. पोषक मूल्य के बारे में जानकारी होने से हमारे शरीर की जरूरतों के मुताबिक चुनाव करने की तैयारी में मदद मिलती है.

 

बुनियादी आवश्यकतों जैसे रोजाना कैलोरी की जरूरत, नमक की जरूरत, मिनरल्स या इम्यूनिटी पर स्कूल में पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि  बच्चे जल्दी सीखते हैं. संतुलित डाइट का विचार मात्रा पर जोर देता है और फूड सामग्री की क्वालिटी को शुरुआती उम्र से स्कूल में परिचय कराया जाना चाहिए क्योंकि बच्चा अलग अलग फूड सामग्री और रोजाना के भोजन में शामिल करने महत्व को समझता है.

 

ऊर्जा स्रोत के तौर पर रोजाना की जरूरत में कार्बोहाइड्रेट्स की भूमिका और मोटापा और दूसरी बीमारियों का कारण बनने में अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट्स के बुरे प्रभावों से शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि बच्चा शरीर पर उसके प्रभावों को जान सके. बच्चों को शुरुआत में ही किचन से परिचित कराना मुफीद है ताकि सामग्रियों की झलक और भोजन की तैयारी की बेहतर समझ पा सकें.

 

इससे बच्चे को फूड के चुनाव और सेहत पर पड़नेवाले लंबे प्रभाव की जानकारी मिलती है. बच्चे को पौधे का जीवन चक्र के बारे में शिक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका किचन गार्डेन है. पौधौं के साथ काम, उनकी सेहत की मॉनिटरिंग, दूसरे फूड सामग्रियों के साथ संबंध बनाने की समझ में मदद मिलती है.