ओडिशा सरकार ने राज्य में पहली बार राज्य सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए एक दिन की मासिक धर्म छुट्टी की नीति शुरू की है. कटक में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने कहा कि महिला कर्मचारियों को उनके मासिक धर्म चक्र के पहले या दूसरे दिन छुट्टी लेने की अनुमति दी जाएगी. एक दिन की मासिक धर्म छुट्टी नीति तुरंत प्रभावी होगी.
पीरियड लीव को लेकर भारत का क्या रूख रहा है?
भारत में सालों से पीरियड लीव को लेकर बहस होती है. महिलाओं का कहना है कि पीरियड के दौरान उन्हें छुट्टी मिलनी चाहिए. हालांकि कई बार कुछ महिलाएं इसका विरोध भी करती है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने पीरियड लीव पर केंद्र सरकार को एक मॉडल पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया है.
इस नीति का उद्देश्य मासिक धर्म से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन करना है और इसे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा. परीदा ने कहा कि इस छुट्टी का लाभ मासिक धर्म के पहले या दूसरे दिन लिया जा सकता है.
औरतों को पीरियड्स के दौरान छुट्टी मिलनी चाहिए?
हर महिला की शारीरिक बनावट अलग-अलग है. इसी कारण हर महिला की पीरियड्स को लेकर अनुभव भी अलग हो सकते हैं. महिलाओं का एक ग्रुप ऐसा है जिनकी पीरियड्स हेल्दी होती है. पीरियड्स कब आया और गया पता भी नहीं चलता है. वहीं कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स का वक्त काफी कष्टदायक होता है. कई बार तो उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट तक करवाना पड़ जाता हैं. उन्हें काफी ज्यादा दर्द सहना पड़ता है.
दर्द के साथ-साथ उल्टी, मतली, सिर्ददर्द, पैरदर्द, कमर दर्द जैसी कई शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. यह दर्द इतनी खतरनाक होती है कि आप इस दौरान काम क्या ठीक से उठ-बैठ तक नहीं सकते हैं. ऐसी महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान छुट्टी बेहद जरूरी हो जाती है. हर कंपनी के लिए मुमकिन नहीं है कि वह पीरियड्स में छुट्टी दे लेकिन इस दौरान वर्क फ्रॉम होम या पीरियड्स के शुरुआती 2 दिन के लिए छुट्टी की व्यवस्था की जानी चाहिए. ताकि वह घर में रहकर आराम से काम कर सके.
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है
हर महिला को इस परेशानी से गुजरना पड़ता है. पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. यही कारण है कि इस मुश्किल दिनों में आराम की बेहद जरूरत होती है. इसलिए देश में पीरियड लीव की मांग की जा रही है. फिलहाल भारत में पीरियड लीव को लेकर कोई कानून नहीं बनी है.
महिलाओं के दौरान क्यों जरूरी मेंस्ट्रुअल लीव?
पीरियड्स के दौरान पीरियड लीव बेहद जरूरी होता है. पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को काफी ज्यादा दर्द, थकान, मूड स्विंग्स और कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन सब की वजह से महिलाओं की क्षमता पर बहुत बुरा असर होता है. मेंस्ट्रुअल लीव के दौरान आराम की खास जरूरत पड़ती है. ताकि इसका असर उनकी कार्य क्षमता पर बुरा असर न पड़े. महिलाओं से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर लोग खुलकर बात ही नहीं करते हैं. इस दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर समाज में कई मिथ है उसे दूर करना बेहद जरूरी है. छुट्टी देने से मेंस्ट्रुअल के बारे में बातचीत नॉर्मलाइज करने में मदद मिलेगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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