Coronavirus Cases in India: राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि भारत में ओमिक्रोन के सब स्ट्रेन या उप स्वरूप (बीए.2) का प्रसार धीरे-धीरे बढ़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि ओमिक्रोन सब-वेरिएंट बीए.2 भारत में बीए.1 वेरिएंट की तुलना में अधिक प्रचलित है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में बीए.3 सब-वेरिएंट का अभी तक पता नहीं चला है.
उन्होंने आगे कहा कि पहले यात्रियों से एकत्र किए गए नमूनों में बीए.1 वेरिएंट प्रमुख था. अब सामुदायिक स्तर पर भी हमने पाया है कि बीए.2 उप-वेरिएंट धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि अब तक प्राप्त कुल जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में से जनवरी महीने में ओमिक्रोन के बढ़ते मामले पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्राप्त कुल रिपोर्ट्स में से पिछले साल दिसंबर में 1,292 ओमिक्रोन मामले पाए गए, जबकि डेल्टा मामलों की संख्या 17,000 से अधिक थी.
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सिंह ने कहा कि जनवरी में अब तक 4,779 डेल्टा मामलों के मुकाबले 9,672 ओमिक्रोन मामले पाए गए हैं. जिसमें 3,201 एवाईसी वेरिएंट और 1,578 डेल्टा वेरिएंट के मामले शामिल हैं. सिंह ने कहा कि मुख्य रूप से तीन राज्यों- महाराष्ट्र, ओडिसा और पश्चिम बंगाल ने जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर डेल्टा वेरिएंट की सूचना दी है, इसका मतलब यह नहीं है कि हर जगह केवल ओमिक्रोन वेरिएंट ही पाया जा रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि डेल्टा वेरिएंट अभी तक नहीं गया है.
कोविड से मृत्यु के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामले उन लोगों में देखे जा रहे हैं, जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और जिन्हें पहले से ही कोई बड़ी बीमारी रही है. ऐसे लोग उच्च जोखिम वाले समूह में हैं. उन्होंने कहा, दिल्ली में मरने वालों में लगभग 64 प्रतिशत लोग ऐसे समूह से थे, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था. आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा कि टीके भारत के लिए फायदेमंद रहे हैं.
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उन्होंने टीकाकरण में पिछड़ रहे राज्यों से अभियान को तेज करने का आग्रह किया. भार्गव ने कहा, टीका लगाए गए लोगों की तुलना में टीके से होने वाली मौतों में काफी कमी आई है. देश में लगभग 95 प्रतिशत वयस्क आबादी ने टीके की पहली खुराक प्राप्त कर ली है, जबकि 74 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.