Exercise Tricks: जब बात फिजिकल एक्टिविटी की आती है तो हम अक्सर काम की व्यस्तता का हवाला देकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई शोध में पाया गया है कि सप्ताह में 150 मिनट व्यायाम करने से शरीर पर सकारात्मक स्वस्थ प्रभाव पड़ सकता है? 150 मिनट की मध्यम गतिविधि जैसे तेज चलना कई जानलेवा बीमारियों से जुड़े खतरे को कम करने में प्रभावी है. इस लेख में, हमने सप्ताह में 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम से हमारे शरीर पर होने वाले लाभों के बारे में बताया है.


फैटी लिवर को कम कर सकता है


14 अध्ययनों की एक हालिया व्यवस्थित समीक्षा और मेटा विश्लेषण में पाया गया कि 150 मिनट तेज चलना फैटी लिवर को कम करने में प्रभावी है. पेन स्टेट कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि 150 मिनट के मध्यम से जोरदार एरोबिक व्यायाम से लिवर की चर्बी कम हो सकती है. यह पाया गया कि गैर-अल्कोहल फैटी लीवर स्थितियों में वजन घटाने से स्वतंत्र रूप से व्यायाम करने से लीवर की वसा में नैदानिक ​​​​रूप से महत्वपूर्ण कमी आती है.


हाई ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है


एक सप्ताह में 150 मिनट की एक्सरसाइज शरीर में कई तरह से सुधार करती है जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप और हृदय गति नियंत्रण में आती है. जबकि अध्ययनों ने हृदय स्वास्थ्य पर व्यायाम के सकारात्मक प्रभाव को दिखाया है, कितनी शारीरिक गतिविधि की सीमाएं हैं.


तनाव के प्रभाव को कम कर सकता है


सप्ताह में रोजाना 20-30 मिनट व्यायाम करने से तनाव और नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है. तनाव के स्तर को कम करने के लिए हर व्यक्ति को वर्कआउट जरूर करना चाहिए. शारीरिक गतिविधि के दौरान शरीर की गतिविधियों के माध्यम से जलन और तनाव कम हो जाता है. बहुत से लोग व्यायाम को करने में डर लगता हैं और कुछ अन्य लोगों को लगता है कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति व्यायाम को संभाल नहीं सकती है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च रक्तचाप, टाइप 2 मधुमेह, एचआईवी जैसी पुरानी स्थितियों के साथ रहने वाले लोगों और कैंसर से बचे लोगों को भी कम से कम 150-300 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली एरोबिक शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए. आप या तो सप्ताह में 5 दिनों के लिए 30 मिनट का मध्यम व्यायाम कर सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.