हर 5 में से एक महिला IVF के बाद नेचुरल तरीके से बन रही मां, ट्रीटमेंट के बाद आखिर ऐसा क्या हो जाता है?
ऐसे कप्लस जिन्होंने बिल्कुल माता-पिता बनने का आशा छोड़ दिया है कि अब वह माता-पिता नहीं बन सकते हैं उन लोगों कि जिंदगी में IVF के जरिए एक नई सोर्स ऑफ एनर्जी आई है.
किसी भी औरत के लिए मां बनना एक सुखद एहसास होता है. लेकिन आज के भागम-भाग वाली लाइफ और करियर सेट करने चक्कर में कई लोग इस पड़ाव पर पहुंच जाते हैं कि वह इस सुखद एहसास से वंचित रह जाते हैं. कुछ लोग उम्र के कारण तो कुछ शारीरिक दिक्कतों की वजह से माता-पिता नहीं बन पाते हैं. ऐसे में IVF (In vitro fertilization) एक आशा की किरण की तरह काम करती है. कई महिलाएं इसके जरिए मां बनने का सुख प्राप्त कर रही हैं. ऐसे कप्लस जिन्होंने बिल्कुल आशा छोड़ दिया है कि अब वह माता-पिता नहीं बन सकते हैं उन लोगों कि जिंदगी में IVF के जरिए एक नई सोर्स ऑफ एनर्जी आई है.
IVF के जरिए दोबारा नैचुरल तरीके से कंसीव करती हैं
हालिया रिसर्च के मुताबिक IVF के जरिए मां बनने के बाद 5 में से एक महिला अगले बच्चे में नैचुरली कंसीव कर लेती हैं. 'यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन' के साइंटिस्टों के मुताबिक महिलाओं को यह पता होना चाहिए कि IVF के बाद जो महिलाएं नैचुरल तरीके से बच्चा कंसीव करती हैं वह उतना भी एबनॉर्मल नहीं है जितना सोचा जाता है. विशेषज्ञों ने कहा कि 5,000 से अधिक महिलाओं पर किए गए हालिया रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों ने अपने पहले बच्चे के लिए IVF का यूज करते हैं. उनमें से 20% महिला तीन साल के अंदर नैचुरल तरीके से प्रेग्नेंट हो जाती हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि 5,000 से अधिक महिलाओं पर किए गए हालिया रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों ने अपने पहले बच्चे के लिए IVF का यूज करते हैं. उनमें से 20% महिला तीन साल के अंदर नैचुरल तरीके से प्रेग्नेंट हो जाती हैं. यूसीएल के ईजीए इंस्टीट्यूट फॉर विमेन हेल्थ को लीड करने वाली लेखिका डॉ. एनेट थ्वाइट्स ने कहा हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि IVF द्वारा बच्चा पैदा करने के बाद नैचुरल तरीके से मां नहीं बन पाती है.
ईजीए इंस्टीट्यूट फॉर विमेन हेल्थ
यूसीएल के 'ईजीए इंस्टीट्यूट फॉर विमेन' हेल्थ की मुख्य लेखिका डॉ. एनेट थ्वाइट्स ने कहा हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि आईवीएफ द्वारा बच्चा पैदा करने के बाद प्राकृतिक गर्भावस्था दुर्लभ से बहुत दूर है. यह महिलाओं और स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा व्यापक रूप से रखे गए विचारों और मीडिया में आमतौर पर व्यक्त किए गए विचारों के विपरीत है कि यह एक अत्यधिक असंभावित घटना है.
IVF के प्रोसेस के बाद ओवेरियन फंक्शन में कई तरह के बदलाव आते हैं
इस रिसर्च में 1980 से लेकर 2021 के बीच दुनिया भर की 5,000 से अधिक महिलाओं के डेटा शामिल किया गया है. इसके अंतर्गत 11 अध्ययनों के डेटा का विश्लेषण किया गया है. जिसमें यूके की 1,160 महिलाएं भी शामिल थीं. इसमें उन्होंने अनुमान लगाया कि IVF तकनीक नैचुरल तरीके से होने वाले गर्भधारण को बढ़ावा दे सकती है. उन्होंने कहा यह बॉयोलॉजिकल तरीके से बेहद शानदार कदम है. IVF के पूरे प्रोसेस के जरिए ओवेरी सही तरीके से फंक्शन करने लगता है.
IVF के बाद नैचुरल तरीके से इस कारणों की वजह कंसीव करती हैं महिलाएं
गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल चेंजेज और बच्चे को जन्म देने के बाद तनाव कम होने से भी महिलाओं को स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में मदद मिल सकती है.
टीम ने कहा कि रिसर्च में भाग लेने वाले अधिकांश प्रतिभागियों में प्रजनन क्षमता कम थी. जिसमें गर्भधारण करने में आम तौर पर अपेक्षा से अधिक समय लगता है. उन्होंने कहा इसका मतलब यह है कि प्रजनन उपचार चाहने वाली और करवाने वाली सभी महिलाएं पूरी तरह या स्थायी रूप से बांझ नहीं हैं.
बहुत कम संख्या में प्रतिभागियों ने बांझपन से संबंधित नहीं होने वाले कारणों से IVF प्रक्रिया को अपनाया. जैसे कि समलैंगिक संबंध में होना. एकल माता-पिता होना या सरोगेट होना.
IVF के जरिए दुनिया भर में 10 मिलियन से अधिक शिशुओं के जन्म के साथ शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों का सफल इलाज हुआ है उनके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि उसके बाद स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की कितनी संभावना है.
थ्वाइट्स ने कहा यह जानना कि क्या संभव है. महिलाओं को अपने परिवार की योजना बनाने और आगे प्रजनन उपचार और/या गर्भनिरोधक के बारे में सूचित विकल्प चुनने में सशक्त बनाएगा.
ह्यूमन रिप्रोडक्शन जर्नल में प्रकाशित शोध में यूके की 22 महिलाओं के साक्षात्कार वाली एक रिपोर्ट भी शामिल है. जिन्होंने IVF के जरिए प्रेग्नेंट होने के बाद नैचुरल तरीके से कंसीव किया .
IVF के बाद नैचुरल तरीके से कंसीव करने से महिला ने बताई आपबीती
लंदन की एक डॉक्टर और शिक्षाविद शेमा तारिक जिनके तीन और चार साल के दो बच्चे हैं. उन्होंने कहा कि अगर IVF नहीं होता तो उसके बिना मां बनना मुमकिन नहीं होता. शेमा तारिक ने कहा कि आईवीएफ के 6 राउंड लगे. जिसकी वजह से मुझे साल 2018 में बेटा पैदा हुआ. मेरे डॉक्टर ने उसके जन्म के बाद मुझे गर्भनिरोधक गोली लेने के बारे में समझाया था लेकिन हम दोनों हंसे और मैंने गोली नहीं ली. 8 महीने बाद मैं फिर से प्रेग्नेंट हुई और मुझे बेटी हुई. मैं तुरंत प्रेग्नेंट होने का सोची भी नहीं थी लेकिन ऐसा हुआ. अगर मुझे पता होता कि 5 में से एक महिला नैचुरल तरीके से प्रेग्नेंट हो जाती है तो मैं गर्भनिरोधक गोली का इस्तेमाल तब तक करती जब तक मैं शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार न हो जाऊं. ब्रिटेन में हर साल 50,000 से अधिक मरीज IVF की मदद से बच्चा करते हैं.
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