National Nutrition Week 2021: दुनिया में हर 5 मौत में से 1 गलत खानपान के कारण होती है. ये खुलासा लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट से हुआ है. रिसर्च को 195 देशों में 1990 और 2017 के बीच किया गया था. उससे पता चला कि दुनिया भर में होनेवाली 5 मौत में से 1 के पीछे गलत खानपान और संबंधित बीमारियां कारण हैं. ऐसी परिस्थिति में, सवाल पैदा होता है कि सही डाइट क्या है? विज्ञान के मुताबिक, अगर आप भोजन में सब्जियों और फलों का दो भाग ले रहे हैं, जबकि बाकी एक भाग में कार्बोहाइड्रेट फूड और प्रोटीन को शामिल कर हैं, तो ये आदर्श स्थिति है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आपकी आधी भूख फलों और सब्जियों से दूर की जानी चाहिए. देश में 1-7 सितंबर के बीच वर्ल्ड न्यूट्रिशन वीक मनाया जा रहा है. ऐसे में जानना जरूरी है कि गलत खानपान के कारण कौन सी बीमारियों की आशंका है. 


दिल की बीमारी के लिए बहुत ज्यादा नमक खतरनाक है- खराब डाइट से होनेवाली दिल की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण सोडियम या नमक का अत्यधिक सेवन है. ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन अधिक सोडियम सेवन के कारण बढ़ता है. ये रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिल की बीमारियां होती हैं. 


शुगर प्रोडक्ट्स डायबिटीज के सबसे बड़े कारण हैं- खाया गया फूड शुगर में बदलता है. शरीर उसका इस्तेमाल ऊर्जा के तौर पर करता है. मीठे फूड्स तेजी से शरीर में अवशोषित हो जाते हैं, जिसके कारण शरीर में शुगर लेवल ऊपर और नीचे होता है. वर्तमान में मीठे फूड का इस्तेमाल बढ़ गया है, जो डायबिटीज का एक प्रमुख कारण बन रहा है. 


मोटापा 12 प्रकार के कैंसर की वजह हो सकता है- सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन्स, फैट्स और कार्बोहाइड्रेट्स का सही संतुलन हेल्दी शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड के मुताबिक, हाई फैट और मीठी सामग्री जैसे चिप्स, बर्गर, चॉकलेट, बिस्कुट का सेवन मोटापा को बढ़ाता है. रिसर्च से पता चलता है कि मोटापा 12 प्रकार के कैंसर का कारण बनता है. 


हेल्दी डाइट के लिए 2:1:1 का अपनाएं फार्मूला- कुल भोजन का 50 फीसद यानी दो भाग फल और सब्जियां होनी चाहिए. उनसे शरीर को सभी जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स, डाइटरी फाइबर और पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. उसके अलावा, भोजन का 25 फीसद कार्बोहाइड्रेट्स से पूरा किया जाना चाहिए. कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को ग्लूकोज उपलब्ध कराते हैं, जो शरीर में ऊर्जा की सेवा देता है. ये शरीर के काम के लिए ऊर्जा का 60 फीसद देता है. बाकी 25 फीसद का लक्ष्य प्रोटीन से हासिल किया जाना चाहिए.