चार में से एक व्यक्ति को बिना रिस्क फैक्टर के ही पड़ सकता है दिल का दौरा, ये है इसकी वजह: स्टडी
बिना हाई बीपी, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल और धूम्रपान जैसे रिस्क फैक्टर के भी आपको हार्ट अटैक आ सकता है. मद्रास मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में ये बात सामने आई है
Heart Attack Without Risk Factor: अब तक हम जानते थे कि हार्ट अटैक के लिए कई सारे रिस्क फैक्टर होते हैं जिससे हमे बच कर रहना चाहिए, लेकिन अब बिना रिस्क फैक्टर के भी आपको हार्ट अटैक आ सकता है. मद्रास मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में ये बात सामने आई है. स्टडी के अनुसार, अपने पहले बड़े दिल के दौरे के समय चार में से एक व्यक्ति में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल और धूम्रपान जैसे सामान्य जोखिम कारक नहीं थे.अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में होने वाली मृत्यु या डिस्चार्ज के एक साल बाद तक सभी कारणों से होने वाली मृत्यु जोखिम वाले और बिना जोखिम वाले समूहों में समानता थी.ये खोज सितंबर 2018 और अक्टूबर 2019 के बीच अस्पताल के हार्ट अटैक रजिस्ट्री में नामांकित 2,379 के आंकड़ों पर आधारित हैं.
बिना जोखिम कारक के मृत्यु की अधिक संभावतना
”मद्रास मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी संस्थान में अध्ययन और प्रोफेसर के प्रमुख लेखक डॉ जी जस्टिन पॉल कहते हैं कि लोग सोचते हैं कि बिना किसी मानक जोखिम वाले कारकों में मृत्यु दर कम होनी चाहिए, लेकिन स्टडी में पाया गया कि ऐसा नहीं है. वास्तव में कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जोखिम वाले कारकों के बिना मरने का जोखिम वास्तव में अधिक है.ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि जोखिम वाले कारकों वाले लोगों को चिकित्सा सलाह लेने और जीवन शैली में बदलाव करने की कोशिश करने की अधिक संभावना है.
पुरुषों की तुलना महिलाओं को बिना जोखिम के दिल का दौरा
अध्ययन में यह भी पाया गया कि पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं को चार जोखिम वाले कारकों के बिना दिल का दौरा पड़ा.अधिक महिलाओं के चार जोखिम कारकों के इतिहास के साथ नहीं आने का कारण ये भी हो सकता है कि हृदय संबंधी घटना होने से पहले उनका निदान नहीं किया गया, क्यों कि महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य को उतना महत्व नहीं देती.वहीं स्टडी के मुताबिक जोखिम वाले कारकों के बिना दिल का दौरा पड़ने वालों की औसत आयु 57.4 थी, जबकि जोखिम कारकों वाले लोगों की औसत आयु 55.7 थी. अध्ययन में यह भी पाया गया कि दिल का दौरा पड़ने के समय जिन लोगों में चार जोखिम कारक नहीं थे, उनमें से 10.4 प्रतिशत पूर्व तंबाकू उपयोगकर्ता थे, जबकि जोखिम कारकों वाले केवल 5 प्रतिशत थे.
दिल के दौरे के लिए अन्य जोखिम भी जिम्मेदार
डॉ पॉल के मुताबिक अगर एक चौथाई लोगों को बिना मानक जोखिम कारकों के दिल का दौरा पड़ रहा है तो इसका मतलब है कि अन्य जोखिम कारक भी इसमें शामिल है जैसे रोगी की भावनात्मक स्थिति, क्या रोगी खुद को दोषी महसूस करता है, क्या रोगी खुद को किसी काम का नहीं समझता या उसे ऐसा लगता है कि लोग उसे समर्थन नहीं देते, क्या वो तनावग्रस्त है.ये सब कारक भी दिल के दौरे के लिए भी जिम्मेदार हो सकते हैं,जिसे सरल परिक्षणों से मापा जा सकता है.
दिल को स्वस्थ रखने का मूलमंत्र
डॉ पौल के मुताबिक जोखिम कारकों के प्रभाव को कम करने के लिए जीवन शैली प्रबंधन में तीन ई - ईटिंग( Eating) व्यायाम ( Exercise) और भावनात्मक ( Emotion) स्थिरता शामिल होनी चाहिए."हर किसी को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए इन तीन चीजों पर काम करना चाहिए चाहे उनके जोखिम कारक हों या नहीं. यहां तक कि अगर आपके पास खराब जीन हैं, तो एक स्वस्थ जीवनशैली उनकी अभिव्यक्ति को बदल सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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