नई दिल्ली: पिछले साल मोदी सरकार ने अपनी सबसे महत्वाकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' कि शुरुआत की. जिसके तहत एक गरीब परिवार को पांच लाख रुपये तक मेडिकल कवर मिलता है, जिससे वो अपनी किसी भी बीमारी का इलाज करा सकता है. 50 करोड़ लोगों को इस योजना से जोड़ना था, लेकिन क्या ऐसा हुआ है? क्या वाकई में आयुष्मान हुआ है भारत?


33 लाख से ज्यादा लोगों ने अब तक पूरे देश में अपना इलाज कराया. 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को योजना में शामिल किया गया. 16 हजार से ज्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़े. ये आंकड़े हैं मोदी सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के. पिछले साल 23 सितंबर 2018 को मोदी सरकार ने स्वास्थ को लेकर आयुष्मान भारत कि शुरुआत की. वो आयुष्मान भारत योजना जिसे एक गरीब परिवार को इलाज के लिए मेडिकल कवर मिलता है, जिससे वो देश में कहीं भी अपना इलाज करा सकता है. आपको ये बताने से पहले की आखिर कितना 'आयुष्मान' हुआ है भारत उससे पहले आपको बताते है की ये योजना आखिर है क्या.


- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत आने वाले हर परिवार को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा.
- इस बीमा कवर से आप छोटे-बड़े प्राइवेट या सरकारी सभी तरह के अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं.
- परिवार चाहे जितना बड़ा हो, उसके हर सदस्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत लाभ मिलेगा.
- उम्र की भी कोई सीमा नहीं है.
- अगर एक साल में इलाज के लिए पांच लाख रुपए लग जाते हैं तो अगले वित्त वर्ष में फिर पांच लाख का कवर मिलेगा. यानी हर साल रिन्यूअल है.


सरकार और इस योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी नेशनल हैल्थ अथॉरिटी की मानने तो ये योजना तेज़ी से बड़ रही है और लोगो को इसका फायदा भी मिल रहा है. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुताबिक योजना लगभग सभी राज्यों में लागू कर दिया गया है. सिर्फ तीन राज्य ऐसे है जहां इस योजना को लागू नहीं किया जा सका है. आयुष्मान भारत से ना सिर्फ देश भर में करोड़ों लोगो को जोड़ा गया, बल्कि लाखो लोगो ने अपनी गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज भी कराया है.


आयुष्मान भारत से अब तक लाभ पाने वाले


- कुल 9 करोड़ लोगों का अब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड बन चुका है.
- वहीं 34 लाख लोगों का अब तक इस योजना के तहत इलाज हो चुका है.
- देश भर में 16050 अस्पताल एमपैनल है जिसमें आयुष्मान भारत के तहत इलाज करा सकते है.
- इसमें 50% सरकारी और 50% प्राइवेट अस्पताल अभी तक शामिल हो चुके हैं.
- सभी लाभार्थियों का डाटा ऑनलाइन है और आधार से जुड़ा है.


नेशनल हैल्थ अथॉरिटी के सीईओ इंदु भूषण ने एबीपी न्यूज़ को बताया की आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी देश में कहीं भी इस योजना से जुड़े अस्पताल में इलाज करा सकता है. इसके अलावा वो किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज करवा सकता है.


नेशनल हैल्थ अथॉरिटी के मुताबिक सबसे ज्यादा कार्डियोलॉजी का इलाज करा रहे हैं लोग


- लोग सबसे ज्यादा कार्डियोलॉजी यानी दिल से जुड़ी बीमारी का इलाज करा रहे हैं. इसमें एंजियोग्राफी, स्टेन लगवाना और पेस मेकर लगाना भी शामिल है.
- फिर यूरोलॉजी जिसमें किडनी जैसी बीमारी का इलाज है. इसके अलावा डायलिसिस भी शामिल है.
- इसके बाद ऑर्थोपेडिक यानी हड्डी से जुड़ी बीमारी जिसमें घुटने का ऑपरेशन, फ्रैक्चर शामिल है.
- और उसके बाद ओंकॉलजी यानी कैंसर से जुड़ी बीमारी का इलाज इस योजना के तहत लोगो ने कराया है.


जिन राज्यों के लोगों को इस योजना से सबसे ज्यादा फायदा मिला है या इस योजना में तहत इलाज हुआ है वो हैं गुजरात, केरल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु.


इस योजना की नोडल एजेंसी नेशनल हैल्थ अथॉरिटी के सीईओ इंदु भूषण की माना है जल्द इसमें और बढ़ोतरी होगी. लोगो को आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए राज्य सरकार के सरकार के साथ मिलकर कैंप भी लगाने वाले हैं.


वहीं नेशनल हैल्थ अथॉरिटी के सीईओ इंदु भूषण इस बात को भी मानते हैं की धोखाधड़ी की संभावना भी रहती है, जिसको लेकर नेशनल हैल्थ अथॉरिटी की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है. इसका पता लगाने के लिए नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट NAFU है जो इसको चेक करती है. वहीं इसको लेकर करवाई भी करती है.


लोगों की मदद और जानकारी के लिए हेल्प सेंटर और कॉल सेंटर भी खोल गए हैं. वहीं आप इस योजना में लाभार्थी हैं तो आप आयुष्मान भारत के हेल्पलाइन नंबर 14555 और वेबसाइट पर जाकर भी पता कर सकते हैं. आयुष्मान भारत योजना इस साल अपना एक साल पूरा करेगी.


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