भारतीय समाज में पीरियड्स के लेकर कई सारे मिथ है. जिसे हमें अक्सर किसी न किसी बहाने सुनने को मिल जाता है. उन्हीं में से एक मिथ यह भी है कि सिर्फ महिलाओं को पीरियड्स होते हैं? एबीपीवी हिंदी लाइव जोकि इन्हीं सब मुद्दों पर एक खास सीरिज लेकर आई है Myths Vs Facts. इसके अंदर में ऐसे ही कई सारे मुद्दे उठाते हैं. आज हम बात करेंगे कि क्या सिर्फ महिलाओं को पीरियड्स होते हैं? हर महिला को मासिक धर्म नहीं होता और हर महिला जिसे मासिक धर्म होता है वह खुद को महिला नहीं मानती. ट्रांसजेंडर पुरुषों और नॉनबाइनरी लोगों को मासिक धर्म हो सकता है. ठीक उसी तरह जैसे ट्रांसजेंडर महिलाओं और नॉनबाइनरी लोगों को मासिक धर्म नहीं हो सकता.मासिक धर्म हमेशा सिर्फ़ एक महिला का मुद्दा नहीं होता. यह एक मानवीय मुद्दा है.
पीरियड्स महिला के अलावा इन लोगों को भी हो सकता है
कोई भी व्यक्ति अपनी लिंग पहचान की परवाह किए बिना मासिक धर्म कर सकता है. मासिक धर्म एक जैविक प्रक्रिया है जो सभी लिंगों के लोगों में हो सकती है. जिसमें गैर-बाइनरी, एजेंडर और ट्रांसजेंडर लोग शामिल हैं. मासिक धर्म प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है. जो अक्सर महिलाओं से जुड़ा होता है. हालांकि, सभी महिलाओं को रक्तस्राव नहीं होता है.
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Fact Check: सिर्फ महिलाओं को ही होता है पीरियड्स
कुछ लोगों को मासिक धर्म के दौरान लिंग डिस्फोरिया का अनुभव हो सकता है. जो उनके लिंग पहचान और जन्म के समय निर्धारित लिंग से संबंधित तनाव या परेशानी हो सकती है. कुछ लोग हार्मोन थेरेपी के साथ मासिक धर्म को दबाने का विकल्प चुन सकते हैं. जबकि अन्य ऐसा नहीं करना चुन सकते हैं.
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ऐसे लोग भी हैं जो मासिक धर्म से गुज़रते हैं, जो सिजेंडर महिला नहीं हैं. वे ट्रांस पुरुष, इंटरसेक्स, जेंडरक्वीर या नॉनबाइनरी हो सकते हैं. मासिक धर्म एक जैविक क्रिया है. यह महिलाओं से जुड़ी चीज़ नहीं है. यह एक ऐसा अनुभव है जो बहुत ज़्यादा परिवर्तनशील हो सकता है. और अलग-अलग लोगों के लिए इसका अलग-अलग मतलब हो सकता है.
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