Ovarian Cancer: ओवेरियन कैंसर के इन 10 लक्षणों को बिल्कुल न करें इग्नोर, वरना बढ़ सकती है परेशानी
Ovarian Cancer Symptoms: ओवेरियन कैंसर शरीर में तब विकसित होता है जब ओवरी और फैलोपियन ट्यूब के आसपास असामान्य कोशिकाएं यानी सेल्स बढ़ने लगती हैं और धीरे-धीरे फैलने लगती हैं.
Ovarian Cancer: मार्च के महीने को ओवेरियन कैंसर अवेयरनेस के लिए नामित किया गया है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर सकें और समय पर इसका इलाज कराने के लिए जागरुक हो सकें. ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक खतरनाक कैंसर है. ये बीमारी शरीर में तब विकसित होती है जब ओवरी और फैलोपियन ट्यूब के आसपास असामान्य कोशिकाएं यानी सेल्स बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे फैलने लगते हैं. ये प्रक्रिया एक कैंसर वाला ट्यूमर बनाती है, जो खतरनाक होने पर शरीर के बाकी अंगों में भी फैल सकती है.
इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर एक्शन के मुताबिक, सालाना 2,95,000 महिलाओं का ओवेरियन कैंसर का इलाज किया जाता है. यह महिलाओं में होने वाला छठा कैंसर है. 90 प्रतिशत लोग इसके चार लक्षणों के बारे में नहीं जानते, जो जानना बहुत जरूरी है.
1. लगातार पेट में दर्द होना
2. सूजन का लगातार बने रहना
3. खाने में कठिनाई होना या भूख न लगना
4. ज्यादा पेशाब आना
नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक, ओवरी के कैंसर से जुड़े और भी लक्षण हैं, जैसे
1. बार-बार खट्टी डकारे आना
2. कब्ज और दस्त होना
3. पीठ में दर्द होना
4. थकावट महसूस करना
5. अचानक वजन का कम होना
6. पोस्ट-मीनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होना
वैसे तो यह लक्षण कई बार कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स में भी देखे जा सकते हैं. हालांकि अगर आप इन लक्षणों को ज्यादा महसूस करते हैं तो हो सकता है कि ओवेरियन कैंसर हो. कई बार छोटी-छोटी शारीरिक परेशानियां बीमारी की शुरुआत होने का मैसेज देती हैं, इसलिए इन छोटे संकेतों को कभी भी इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए.
कैसे चलेगा बीमारी का पता?
इस बीमारी का पता लगाने के लिए पहले महिला का ब्लड टेस्ट कराया जाता है, जिसके बाद अल्ट्रासाउंड स्कैन को तरजीह दी जाती है. इसके अलावा, सीटी स्कैन, निडल बायोप्सी (आपके ओवरी से सेल या फ्लूड का एक छोटा सैंपल निकालना), लैप्रोस्कोपी (ट्यूब के अंदर एक कैमरे की मदद से आपके ओवरी की जांच करना) और लैपरोटॉमी (टीशूज को हटाने के लिए सर्जरी) से भी इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है.
कैसे किया जाता है इलाज?
आपका इलाज कैसे किया जाएगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूमर का आकार क्या है, ये किस जगह पर है, यह फैल गया है या नहीं या आपका स्वास्थ्य सामान्य है या नहीं. इस बीमारी की स्थिति के आधार पर सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, थेरेपी या हार्मोन थेरेपी होती है.
ये भी पढ़ें: Weak Kidney Diet: क्या आपकी किडनी कमजोर है? ऐसे लगाएं इसका पता और डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )