Ovarian Cancer: कम उम्र की महिलाओं के लिए काल बन रहा ओवेरियन कैंसर, ये लक्षण नहीं पहचाने तो जा सकती है जान
Ovarian Cancer Symptoms: ओवेरियन कैंसर से लाखों महिलाएं हर साल अपनी जान गंवा देती हैं. इसके शुरुआती लक्षण पहचान कर इसका इलाज संभव हो सकता है.
Ovarian Cancer: ओवेरियन यानी अंडाशय का कैंसर महिलाओं को होने वाली एक जानलेवा बीमारी है जो अंडाशय में कैंसर कोशिकाएं पनपने से होती है. आमतौर पर माना जाता है कि ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer)ज्यादा उम्र की महिलाओं और मेनोपॉज के बाद के दौर की महिलाओं को होता है. लेकिन नए दौर में ओवेरियन कैंसर कम उम्र की महिलाओं यानी 30 से 40 साल की उम्र की महिलाओं को भी अपना शिकार बना रहा है जो चिंताजनक है.
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इस बीमारी का इलाज संभव है. लेकिन विडंबना ये है कि अभी भी दुनिया के नब्बे फीसदी लोग इस जानलेवा कैंसर के लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं.चलिए आज आपको बताते हैं कि ओवेरियन कैंसर क्या है और इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं.
क्या है ओवेरियन कैंसर और ये कैसे फैलता है
ओवेरियन कैंसर को वैज्ञानिक साइलेंट किलर भी कहते हैं क्योंकि ये बहुत खामोशी से और तेजी से फैलता है. तब डेवलप होता है जब अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब के आसपास असामान्य कोशिकाएं यानी सेल्स अपना आकार बढ़ाने लगती हैं. फैलने के बाद ये कोशिकाएं आनी सेल्स शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करके इनको खराब और नष्ट कर डालती हैं. इस प्रोसेस से ओवरी में कैंसर या ट्यूमर बन जाता है जो धीरे धीरे बाकी अंगों में भी फैलना शुरू कर देता है.
ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण
ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण पहचान लिए जाएं तो इस जानलेवा बीमारी का समय रहते इलाज संभव है. इसके शुरुआती लक्षणों में पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द बने रहना है. पेट हमेशा भरा भरा महसूस होने लगता है. इस कंडीशन में पेल्विक एरिया में दर्द के साथ साथ सूजन आ जाती है और यहां भारीपन बना रहता है.
पीरियड्स के दौरान ये दर्द बढ़ जाता है. मरीज को ब्लोटिंग की शिकायत होती है. मरीज की कमर में दर्द होने लगता है और कई बार उठने बैठने में भी दिक्कत होने लगती है. अचानक वजन कम होना, हर वक्त थकान महसूस होना, उनींदापन रहना इसके लक्षण हैं. बार बार पेशाब आना और भूख न लगना भी इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
जांच और इलाज
अगर किसी महिला को अपने शरीर में इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए. ओवेरियन कैंसर के लिए सबसे पहले ब्लड टेस्ट करना जरूरी है. इसके बाद अल्ट्रासाउंड स्कैन होता है. इसके अलावा सीटी स्कैन और नीडल बायोप्सी भी जांच के दूसरे ऑप्शन हैं. अगर लक्षण गंभीर हैं तो तुरंत लेप्रोस्कोपी करवाने की सलाह दी जाती है. आपको बता दें कि ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव है और इसके ट्रीटमेंट में रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, सर्जरी और हार्मोन थेरेपी शामिल हैं. मरीज के शरीर में कैंसर की स्टेज देखने के बाद ही डॉक्टर ट्रीटमेंट के ऑप्शन चुनते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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