एक्सप्लोरर
Advertisement
OMG! बच्चों में बढ़ रहे हैं ब्रेन ट्यूमर के मामले, ऐसे बचा सकते हैं बच्चों को
देश में हर साल करीब 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर की पहचान होती है, जिनमें से 20% बच्चे होते हैं.
नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि देश में हर साल करीब 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर की पहचान होती है, जिनमें से 20% बच्चे होते हैं. चिंता की बात यह है कि पिछले साल ये आंकड़ा केवल 5% ही ऊपर था. साथ ही, हर साल लगभग 2,500 भारतीय बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा रोग पाया जा रहा है.
क्या है मेडुलोब्लास्टोमा- आईएमए के अनुसार, मेडुलोब्लास्टोमा बच्चों में पाया जाने वाला एक घातक प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर है. यह मस्तिष्क मेरु द्रव (सीएसएफ) के माध्यम से फैलता है. ये दिमाग और रीढ़ की हड्डी की सतह से होता हुआ अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है. यदि इसका इलाज़ सही ढंग से किया जाता है, तो इन मामलों में से लगभग 90% का इलाज संभव है. शोधों से पता चलता है कि मस्तिष्क ट्यूमर ल्यूकेमिया के बाद बच्चों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है. ब्रेन ट्यूमर के कारण- आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल का कहना है कि मस्तिष्क क्षति किसी भी उम्र में हो सकती है और यह एक गंभीर समस्या है. इससे सोचने, देखने और बोलने में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. ब्रेन ट्यूमर का एक छोटा सा हिस्सा आनुवंशिक विकारों से जुड़ा हुआ है. बाकी लोगों को यह किसी विषाक्त पदार्थ के सेवन, मोबाइल तरंगों जैसी किसी अन्य कारण से भी हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर के लक्षण- डॉ. अग्रवाल ने कहा, "ट्यूमर यदि ब्रेन स्टेम या किसी अन्य भाग में है, तो हो सकता है कि सर्जरी संभव न हो. जो लोग सर्जरी नहीं करवा सकते उन्हें अन्य उपचार मिल सकता है. इसके लक्षणों में प्रमुख है- बार-बार उल्टी आना और सुबह उठने पर सिर दर्द होना. इसे जांचने में चिकित्सक कभी गैस्ट्रो या माइग्रेन भी मान बैठते हैं." बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा रोग के लक्षण- मेडुलोब्लास्टोमा रोग से पीड़ित बच्चे अक्सर ठोकर खाकर गिर जाते हैं. उन्हें लकवा भी मार सकता है. कुछ मामलों में, चक्कर आना, चेहरा सुन्न होना या कमजोरी भी देखी जाती है. मेडुलोब्लास्टोमा में दवाएं ही काफी नहीं- डॉ. अग्रवाल ने बताया, "मेडुलोब्लास्टोमा से पीड़ित बच्चों के लिए सिर्फ दवाएं ही काफी नहीं होती. यह सुनिश्चित करें कि ट्यूमर वापस तो नहीं आया, कोई दुष्प्रभाव तो नहीं हो रहा और बच्चे के समग्र स्वास्थ्य पर नजर रखने की जरूरत है. अधिकांश बच्चों को इस बीमारी के इलाज के बाद ताउम्र चिकित्सक के संपर्क में रहने की जरूरत होती है." बच्चों में कैंसर को रोकने के उपाय-- रसायनों और कीटनाशकों के जोखिम से बचें. यह गर्भवती मांओं के लिए विशेष रूप से जरूरी है.
- फलों और सब्जियों का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें.
- धूम्रपान और मदिरापान से दूर रहें.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
झारखंड
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement
विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
Opinion