Banaras Ka Paan: पान (Paan) का नाम सुनते ही उन लोगों के मुंह में मीठा सा स्वाद घुल जाता है जो पान खाते हैं. मांगलिक कार्यक्रम हो या फिर शादी ब्याह और पूजा पाठ, पान हमेशा ही कई धर्मों में महत्वपूर्ण रहा है. गांव में बड़े बूढ़े पान खाते दिख जाते हैं और कई बार फंक्शन आदि में भी पान खाया जाता हैॉ. कुछ लोग तो रोज ही पान खाते हैं. आपको बता दें कि पान सदियों से हमारी पंरपरा में शामिल रहा है और कई जगहों पर तो औरतें तक बड़े ही शौक से पान खाती हैं. पान को लेकर कई तरह के दावे  किए जाते हैं कि पान मुंह के स्वास्थ्य यानी ओरल हेल्थ के लिए अच्छा कहा जाता है. लेकिन क्या वाकई पान गला साफ करता है, जैसा कि दावा किया जाता है. चलिए आज जानते हैं कि पान कितने तरह (Paan Varity)के होते हैं और इसके सेहत को लेकर क्या फायदे होते हैं. आपने जर्दा वाले पान का नाम सुना होगा और शादी ब्याह में मीठा पान चलता है। लेकिन शायद आपको यकीन ना हों कि पान की अकेले भारत में ही तीस से ज्यादा वैराइटी पाई जाती हैं. सादा मसाला पान से लेकर कत्थे वाला पान उत्तर और मध्य भारत ही नहीं बंगाल में भी खूब प्रचलित है। शहरों में आजकल फायर पान (fire paan)काफी मशहूर है जिससे आग निकलती है.

फायर पान से लेकर लीची पान तक    


चलिए कुछ पान के नाम बताते हैं. मशहूर पान के बीड़े में पार्क जैसमिन पान, रजनीगंधा पान, बेला राजस्थान पान, वर्तमान गुंडी पान, बेला बहार पान, गोल्डन नाइट पान, मैंगो चॉकलेट पान, स्ट्राबेरी पान, आइस पाइस पान, फ्रूट आइस पान, मोगरा पान, केवड़ा आइस पान, गुलाब आयुष्मान पान, नाईट क्वीन आइस पान, सादा राज रतन का पान रामपाल मीठा पत्ता 120 जर्दा पान, 420 जर्दा पान, नवरत्न की बाम मसाला पान, नवरत्न की मां 120 जर्दा पान नवरत्न पान, 160 जर्दा पान, 160 कत्था जर्दा पान, नवरत्न चटनी पान, मीठा पानी मीठा पान, फायर पान, जोलो का पान,  गुलकंद बनारस का पान, ग्रीन गोल्डन पान, छुआरा पान, नाइट क्रीन केसर कत्था पान, पाइनएप्पल पान, मेंगो पान, ऑरेंज पान, लीची पान आदि की किस्में हैं. ये तो कुछ ही किस्में हैं, अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश की पान की किस्में भी डिसकस करें तो सैंकड़ों किस्में हो जाएंगी जिसके लाखों लोग दीवाने हैं.

क्या वाकई गला साफ करता है पान  


पान खाने वाले इसकी बुराई सुन नहीं सकते. कई लोग कहते हैं कि वो इसलिए पान खातें हैं कि उनका गला साफ रहता है. लेकिन इतना तय है कि अगर पान को बीड़ा बनाकर यानी कि कत्था, तंबाकू आदि ना मिलाकर केवल पान का पत्ता खाया जाए तो ये सेहत को फायदा करता है. सुबह उठकर खाली पेट पान का पत्ता चबाने से ओरल हेल्थ अच्छी होती है. इससे दांत मजबूत होते हैं और श्वसन नली भी साफ होती है. पान का पत्ता खाने से कब्ज दूर रहती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है. अगर पान के बीड़े की बात करें तो मीठे पान में गुलकंद, केसर, पंचमेवा, इलाईची और मिश्री डाली जाती है जिससे गला अच्छा होता है. लेकिन अगर पान में तंबाकू, कत्था या चूना डाला जाए तो ऐसा पान सेहत के लिए फायदा नहीं करता है.

 

यह भी पढ़ें