पाकिस्तान: कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज करने के लिए पारंपरिक चीनी औषधि का क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया गया है. परीक्षण कराची यूनिवर्सिटी के एक सेंटर पर किया जा रहा है. कराची यूनिवर्सिटी ने इंडस अस्पताल के साथ परीक्षण के लिए साझेदारी की है.
पाकिस्तान में कोविड के लिए चीनी जड़ी-बूटियों का परीक्षण
शोधकर्ताओं के मुताबिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के मिश्रण का सुरक्षित इस्तेमाल और असर का पता लगाने के लिए परीक्षण किया जा रहा है. जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल चीन में कोविड-19 महामारी के दौरान किया गया है. इसमें पुदीना और लिकोरिस समेत 12 जड़ी-बूटियों के घटक शामिल हैं. शोध के अनुसंधानकर्ता प्रोफेसर रजा शाह ने कहा, "चीन में औषधि के इस्तेमाल को रोग निवारक पाया गया है. कोविड-19 के खिलाफ चीन के राष्ट्रीय गाइडलाइन्स में सुझाई गई ये एक प्रमुख दवा है."
उन्होंने बताया कि औषधि को अब तक कराची में कोविड-19 के 15 मरीजों को दिया गया है. उनसे जब पूछा गया कि क्यों सिर्फ हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए परीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने जवाब दिया, "इस तरह का पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत पहली बार परीक्षण किया जा रहा है. हम अन्य स्वास्थ्य पेचीदगियों वाले मरीजों को शामिल नहीं कर रहे हैं. जिससे किसी अन्य दवा के साथ गंभीर रिएक्शन की आशंका को कम किया जा सके."
कोरोना के मामूली लक्षण के लिए हो रहा क्लीनिकल परीक्षण
इंडस अस्पताल के साथ साझीदारी में 300 मरीज होम आइसोलेशन में रहते परीक्षण में शामिल होंगे. मरीजों का लैब सैंपल कराची यूनिवर्सिटी के एक केंद्र पर जांचा जाएगा. जबकि मरीजों का रजिस्ट्रेशन इंटेंसिव केयर यूनिट वाले अस्पतालों में किया जाएगा. ICCBS के डायरेक्टर प्रोफेसर एम इकबाल चौधरी ने कहा कि परीक्षण की मंजूरी ड्रग रेग्यूलेटिरी ऑफ अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान से मिल गई है. इसके अलावा परीक्षण को अंजाम देने के लिए लाइसेंस भी हासिल कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि सिर्फ हल्के लक्षण वाले कोरोना मामलों के परीक्षण से इसका महत्व कम नहीं हो जाता.
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