पहले लोग कैंसर की बीमारी को छिपाते थे. लेकिन अब जमाना बदला है और इसे लेकर जागरूक हुए हैं. जिसके कारण इस गंभीर बीमारी को हराना आसान हो गया है. जैसा कि आपको पता है कैंसर को 4 स्टेज में बांटा गया है. जैसे- 1, 2, 3 एवं 4 इन्हीं स्टेज को ध्यान में रखकर इस खतरनाक बीमारी का इलाज किया जाता है. कहते हैं कि कैंसर का लास्ट स्टेज फॉर्थ स्टेज होता है. जिसका इलाज काफी ज्यादा कठिन होता है. और किसी भी मरीज की बीमारी इस स्टेज में पहुंच गई है तो उसे बचाना मुश्किल है. यह कैंसर के मरीज के लिए शारीरिक पीड़ा और मानसिक परेशानियों को बढ़ाने वाले हो सकता है. स्टेज 4 पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है.
पैंक्रियाटिक कैंसर की शुरुआत में शरीर में दिखने लगते हैं यह बदलाव
हेल्थ रिपोर्ट की सर्वे के मुताबिक पैंक्रियाटिक कैंसर दुनिया में सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है. 'इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च' के मुताबिक यह दुनिया में कैंसर से मरने वाले लोगों में चौथा प्रमुख कारण है. दूसरे देशों के मुकाबले भारत में इसके केसेस कम हैं. हालांकि इस बीमारी में अगर थोड़ी सी सावधानियों का ध्यान रखा गया तो इस कैंसर के मरीज जिंदा भी बच सकते हैं. पैंक्रियाटिक कैंसर के होने से एक साल पहले ही शरीर में दिखने लगते हैं यह अजीब से लक्षण. पहला लक्षण यह है कि आपको प्यास बहुत लगेगी और दूसरी पीला टॉयलेट. हफ़िंगटन पोस्ट में विज्ञान के नफ़ील्ड डिपार्टमेंट का हवाला देते हुए कहा गया कि निश्चित रूप से यह पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण नहीं हो सकते हैं. रिसर्चर के मुताबिक पैंक्रियाटिक कैंसर की शुरुआत शरीर में जब होती है उसके पहले के यह लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
पैंक्रियाटिक कैंसर ये मामूली लक्षण को न करें नजरअंदाज
प्राइमरी हेल्थ केयर साइंसेज के नफिल्ड विभाग के डॉ विकी लियाओ के अनुसार, ये लक्षण दिखते ही चिकित्सकों और डॉक्टर मरीज को तुरंत स्पेशल टेस्ट के लिए भेज देते हैं. जबकि डॉ लियाओ का कहना है कि मरीज को जब यह दिक्कत शुरू होती तो वह इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं बल्कि हल्के में लेकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं.
पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरुआती लक्षण
पैंक्रियाटिक कैंसर ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों में पैंक्रियाटिक का कैंसर विकसित होता है. उनमें शुरुआती लक्षण वजन घटना, पेट में दर्द, मतली और अपच की शिकायत होती है. ICMR की रिपोर्ट में पैंक्रियाटिक कैंसर में लक्षणों के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि इनमें से 60% से अधिक कैंसर पैंक्रियाटिक के ऊपरी हिस्से में होते हैं. जिसके शुरुआती लक्षण पीलिया, पीला मल और खुजली हैं. ICMR की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन मरीजों को डायबिटीज की शिकायत है. उन में पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण अलग से दिखाई देते हैं. अवसाद या थ्रोम्बोफ्लिबिटिस . डायबिटीज के मरीज को अगर पैंक्रियाटिक कैंसर है तो उनका अचानक से वजन घटना, बीपी का बढ़ने जैसी दिक्कत हो सकती है.
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