नींद में क्यों बोलने लग जाते हैं लोग? कहीं ये किसी बीमारी की आहट तो नहीं! जानें क्या हैं कारण?
नींद में बोलना एक तरह का ड्रीम डिसऑर्डर है, जिसको पैरासोम्निया के नाम से जाना जाता है. पैरासोम्निया में लोग नींद में बोलने के आदी होते हैं. वह कुछ ऐसा बोल रहे होते हैं, जिसे दूसरे लोग नहीं समझ पाते.
Sleep Talking: खराब लाइफस्टाइल की वजह से आजकल लोगों को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपने बिजी शेड्यूल के चलते अधिकतर लोग 8 घंटे की भरपूर नींद नहीं ले पा रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें दुनियाभर की बीमारियां लग रही हैं. आजकल लोगों में एक समस्या बहुत ज्यादा देखी जा रही है और वह समस्या नींद में बोलने की है. कई लोग नींद में अक्सर बोलते हुए नजर आते हैं. न सिर्फ बूढ़ों, बल्कि बच्चों में भी यह दिक्कत बहुत ज्यादा देखी जा रही है. वैसे तो लोग नींद में बोलने को बहुत आम बात समझते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्रिया का संबंध एक बीमारी से है?
नींद में बोलना एक तरह का ड्रीम डिसऑर्डर है, जिसको पैरासोम्निया (Parasomnia) के नाम से जाना जाता है. पैरासोम्निया में लोग नींद में बोलने के आदी होते हैं. वह कुछ ऐसा बोल रहे होते हैं, जिसे दूसरे लोग नहीं समझ पाते. आजकल लोगों में यह दिक्कत बहुत आम हो गई है. हालांकि इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी है कि नींद में बोलने की समस्या क्यों पैदा होती है. इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? आइए जानते हैं...
नींद में क्यों बोलने लगते हैं लोग?
1. थकान: थकान और नींद के मध्य एक बहुत ही गहरा संबंध होता है. जब आप बहुत ज्यादा थक जाते हैं तब आपको गहरी नींद आती है. हालांकि कुछ लोग थकान में होने के बावजूद नींद नहीं आने की समस्या से परेशान रहते हैं. यही वजह है कि ऐसे लोग अक्सर रात में सोते वक्त बोलते हुए पाए जाते हैं.
2. डिप्रेशन: डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है, जो पीड़ित व्यक्ति को चैन की नींद नहीं लेने देता. व्यक्ति सोते वक्त भी कई बार डिप्रेशन के कारणों के बारे में सोचता रहता है या उसी से संबंधित सपना देखता है. कई बार तो डिप्रेशन की वजह से उसे किसी बात का डर सताने लगता है, जिसकी वजह से वह नींद में बातें करने लगता है.
3. नींद की कमी: अगर कोई 7-8 घंटे की भरपूर नींद नहीं ले पा रहा है तो उसे नींद में बोलने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
4. तेज बुखार: कई बार लोग तेज बुखार के कारण भी नींद में बोलते नजर आते हैं या बड़बड़ाने लगते हैं.
क्या है उपाय?
1. भरपूर नींद लेने की कोशिश करें.
2. तनाव और चिंता से दूर रहें.
3. खुद पर डिप्रेशन को हावी मत होने दें.
4. पॉजिटिव सोचें
5. योग या मेडिटेशन करें.
6. अपनी मनपसंदीदा एक्टिविटीज़ करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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