आजकल बच्चों में दातों से जुड़ी कई समस्याएं (Dental Problems) सामने आ रही हैं. चॉकलेट, फास्टफूड, चिप्स और कोल्डड्रिंक्स से बच्चों के दांत खराब हो रहे हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि बच्चे खासतौर से 5 या 7 साल से कम उम्र के बच्चे बिना ब्रश या कुल्ला किए ही रात में सो जाते हैं. इससे दांत और मसूड़े खराब हो सकते हैं यानी टूथ डिके हो सकता है. कुछ बच्चों को अंगूठा मुंह में डालने की आदत होती है, जिससे बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं. ऐसे में अगर समय रहते बच्चों के दातों पर ध्यान नहीं दिया जाए तो ये परेशानी काफी बढ़ सकती है. इसलिए आपको अपने बच्चों के दातों और उससे जुड़ी चीजों पर बहुत ध्यान देना चाहिए. जानते हैं बच्चों में पाई जाने वाली कुछ आम दांतों की समस्याएं (Common Dental Problems) और उनका इलाज क्या है.


सेंसिटिव दांत- कई बच्चों के दातों में सेंसिटिविटी की समस्या हो जाती है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. कुछ बच्चों के दांत में चोट लगना, डीके होना या जोर से ब्रश करने पर भी ये परेशानी हो जाती है. इससे बच्चों के दांत सेंसिटिव हो जाते हैं. जब वो कुछ ठंडा या गर्म खाते हैं तो उनके दांत में दर्द हो सकता है. इस परेशानी से बचने के लिए बच्चों को नर्म ब्रिसल्स वाले टूथब्रश से ब्रश कराएं. अगर बच्चे के टूथ डीके है तो डॉक्टर से निकलवा दें.


मसूड़ों की बीमारी- जो बच्चे नियमित रूप से ब्रश या कुल्ला नहीं करते उनमें ये समस्या हो सकती है. मसूड़ों में कोई बीमारी तब होती है जब इनमें लाइनिंग में प्लाक बनने लगती है. इस प्लाक के बैक्टीरिया की वजह से मसूड़ों में सूजन आ सकती है या लाल हो सकते हैं. कई बार बच्चों के मसूड़ों की समस्या पता नहीं चलती. ऐसे में आपको डॉक्टर से समय-समय पर चेकअप करवाना चाहिए. इससे बचने के लिए ब्रशिंग जैसी हेल्दी आदतें बच्चों के लिए बनाएं.


बच्चों में टूथ डीके- बच्चों में टूथ डीके की समस्या काफी आम बात है. इससे बच्चों को दांत में काफी दर्द होता है और मसूड़ों में सूजन भी आ जाती है. इससे बचने के लिए आपको बच्चे को ओरल हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है. बच्चों को हर रोज ब्रश कराएं. परेशानी ज्यादा बढ़ने पर डेंटिस्ट के पास लेकर जाएं और डेंटल चेकअप करवाएं.


डैमेज दांत- कुछ बच्चों के दांत किसी तरह की चोट या एक्सीडेंट की वजह से टूट जाते हैं या डैमेज हो जाते हैं. अगर आपके बच्चे के साथ ऐसा हुआ है तो तुरंत डेंटिस्ट के पास लेकर जाएं. इससे बच्चे के परमानेंट आने वाले दांत पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा.


अंगूठा चूसना- अगर आपका बच्चा अंगूठा चूसता है तो इससे दातों और कई तरह की बीमारी हो सकती हैं. कई बार इससे जीभ कटने की समस्या भी हो जाती है. इसके अलावा कुछ बच्चे दांतों को पीसते रहते हैं, जिससे दांतों और जबड़े पर बुरा असर पड़ सकता है. कई बच्चों के दांत इससे टेढ़े हो सकते हैं. वहीं कुछ बच्चों की सर्जरी करने तक की नौबत आ जाती है. इसलिए बच्चों की ऐसी आदतों पर ध्यान रखें और समय से छोड़ दें.


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