क्या होता है टेस्टेस्टोरॉन लेवल? जिसके चलते विवादों में रहीं कई महिला एथलीट्स, भारतीय खिलाड़ी का नाम भी शामिल
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक के दौरान अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ ने अपनी इतालवी प्रतिद्वंद्वी एंजेला कैरिनी को आसानी से हराने के बाद टेस्टोस्टेरोन लेवल को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक से जुड़ी हर दिन दिलचस्प खबर सामने आ रही है. 1 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में महिला बॉक्सिग मैच के दौरान अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ ने अपनी इतालवी प्रतिद्वंद्वी एंजेला कैरिनी को 46 सेकेंड के अंदर आसानी से हरा दिया. जिसके बाद एक अजीबोगरीब विवाद शुरू हो गया. इतालवी खिलाड़ी का आरोप है कि महिला बॉक्सिंग में खेलने वाले इमान खलीप दरअसल महिला नहीं बल्कि पुरुष हैं. यह बात सामने आते ही हर तरफ इसी को लेकर चर्चा शुरू है कि आखिर महिला बॉक्सिंग में पुरुष को खेलने का क्या मतलब है?
दरअसल, पहले साल 2023 वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खलीफा को जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट में डिस्क्वालिफाई किया गया था. क्योंकि उनके मेडिकल टेस्ट में उनका टेस्टेस्टोरॉन लेवल हाई पाया गया था. अब इसके बाद से टेस्टेस्टोरॉन को लेकर कई सवाल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए है. आज हम इस पूरे मामले पर विस्तार से बात करेंगे. इस पूरे मामले पर एबीवी लाइव हिंदी ने आकाश हॉस्पिटल के डॉक्टर सरोज यादव से खास बातचीत की.
टेस्टोस्टेरोन का लेवल क्या होना चाहिए?
दरअसल, टेस्टोस्टेरोन एक सेक्सुअल हार्मोनल है. जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के शरीर में होती है. पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन महिलाओं से 20 गुना ज्यादा होता है. वहीं महिलाओं में इसकी क्षमता कम होती है. अमेरिका के माउंट सिनाई अस्पताल के मुताबिक पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य स्तर रक्त में 10 से 35 नैनोमोल प्रति लीटर माना जाता है. महिलाओं के लिए यह 0.5 से 2.4 एनएमओएल प्रति लीटर के बीच होता है.
इंसान में टेस्टोस्टेरोन का लेवल उम्र के हिसाब से कम और ज्यादा होता है. इसमें अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो हाइपरएंड्रोजेनिज़्म की बीमारी होती है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे लगभग 70 प्रतिशत मामलों में इसका कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होता है.
खिलाड़ी और टेस्टोस्टेरोन का क्या है कनेक्शन
दरअसल, टेस्टोस्टेरोन हड्डियों और मासंपेशियों को मजबूती प्रदान करता है. अगर खेल के दौरान खिलाड़ी इसका ओवरडोज लेते हैं तो इसे डोपिंग की कैटेगरी में रखी जाएगी. और इसके कारण खिलाड़ी पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इंटरनेशनल खेल के दौरान खिलाड़ी टेस्टोस्टेरोन का इस्तेमाल करते हैं ताकि वह अच्छा परफर्म कर सके.
भारतीय खिलाड़ियों का नाम भी है शामिल
हांगझाउ में हेप्टाथलॉन का ब्रॉन्ज गंवाने के बाद भारतीय एथलीट स्वप्ना बर्मन ने ब्रॉन्ज मेडलिस्ट नंदिनी अगसारा पर ट्रांसजेंडर होने के आरोप लगाए हैं, इन आरोपों पर नंदिनी ने कहा है कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं और वे AFI में इसकी शिकायत करेंगी. एक दिन पहले बर्मन ने कहा- 'मैं एक ट्रांसजेंडर से ब्रॉन्ज मेडल हार गई. राष्ट्रीय चैंपियन और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता दुती चंद को खेल से प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने आईएएएफ, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और अन्य प्रमुख खेल निकायों को अपनी जेनाइटल टेस्ट के लिए मना कर दिया था. दरअसल, चंद को हाइपरएंड्रोजेनिज्म (एक ऐसी स्थिति जिसमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर बहुत अधिक हो जाता है) नामक बीमारी का पता चला था, उन्होंने इस प्रतिबंध के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसके कारण खेल पंचाट न्यायालय ने विवादास्पद विनियमन को दो वर्षों के लिए बैन कर दिया गया था.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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