Paris Olympics 2024: 'पेरिस ओलंपिक 2024' में पुरुषों की ट्रायथलॉन इवेंट को  पोस्टपोन कर दिया गया है. इसके पीछे का कारण बताया गया है सीन नदी की पानी काफी ज्यादा गंदा है जिसके कारण इस इवेंट को स्थगित कर दी गई है. पूरी तरह से पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करता है कि इसमें यह इवेंट होगा कि नहीं. 100 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि नदी को तैराकी के लिए खोला जाना था. 


बारिश के कारण सीन नदी में भारी मात्रा में बैक्टीरिया पनप रही है


पहले यह बुधवार को निर्धारित लेकिन आज भी इसे कैंसिल करके अब इसको शुक्रवार बढ़ा दिया गया है. इसलिए यह फैसला किया गया कि क्योंकि नदीं के पानी में कोली सहित बैक्टीरिया बढ़ती चिंता का विषय रहे हैं. . एपी के अनुसार, पेरिस ने ओलंपिक से पहले सीवेज और गंदे पानी को सीन में गिरने से रोकने के लिए सफाई प्रयासों पर लगभग 1.5 बिलियन डॉलर खर्च किए, लेकिन बारिश के कारण सीन नदी में फिर से बैक्टीरिया भारी मात्रा में पनप रहे हैं. 


जल प्रदूषण तब होता है जब विभिन्न हानिकारक पदार्थ किसी जल निकाय, जैसे कि एक धारा, नदी या महासागर में मिल जाते हैं और उसे दूषित कर देते हैं. ये हानिकारक पदार्थ पानी की समग्र गुणवत्ता को कम करते हैं और इसे जीवित प्राणियों और आस-पास के पर्यावरण के लिए जहरीले बनाते हैं.


गंदे पानी में नहाने से हो सकती है ये गंभीर बीमारी


पानी में तैरने से नाक और मुंह के जरिए बैक्टीरिया नाक के जरिए शरीर के अंदर चली जाती है. इसके कारण टाइफाइड-कोलरा-वायरल हेपेटाइटिस और डायरिया हो सकती है. गंदे पानी में नहाने से लिवर फेल भी हो सकता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 80 प्रतिशत बीमारियों की वजह गंदा पानी है. लैसेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 8 में से 1 मौत गंदे पानी के कारण होता है. गरीब देशों में हर साल साढ़े सात लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है. 


पूल का गंदा पानी


बता दें कि पूल का गंदा पानी कई रोगों का कारण होता है. गंदे पानी के कारण हेपेटाइटिस ए, हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारियां फैल सकती हैं. इसलिए एक्सपर्ट की राय होती है कि आपके बच्चे उचित ट्रेनिंग के साथ स्वच्छ पानी वाले पूल का उपयोग करें.


स्किन संक्रमण
पूल में नहाने के कारण बच्चों को कई बार स्किन संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है. क्योंकि कई पूल साफ करने के लिए पानी में क्लोरिन की मात्रा ज्यादा डाल दी जाती है. एक्सपर्ट के मुताबिक इसलिए जब भी स्विमिंग पूल में नहाने जाए तो पता करना चाहिए कि पानी में क्लोरीन की कितनी मात्रा है. अगर पानी में ज्यादा मात्रा में क्लोरीन है तो नहाने से बचना चाहिए. इससे स्किन संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए अगर स्विमिंग पूल के पानी का पीएच वैल्यू 7 से 8 तक है, तभी नहाना चाहिए.


कैसे बचे ?


एक्सपर्ट के मुताबिक पुल में नहाने के बाद बच्चों को घर आकर अच्छे से एक बार नहाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर क्लोरिन केमिकल के कारण शरीर में खुजली, लाल दाग समेत कई तरह के स्किन संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


Myths Vs Facts: क्या एक बार कैंसर होने के बाद अस्पताल में ही गुजर जाती है जिंदगी? जानें सच