Parkinson Disease Symptoms: पार्किंसन रोग एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के उन हिस्सों को भी प्रभावित करती है जो दिमाग सहित कई नसों पर बुरा असर डालते हैं. इस बीमारी में हाथ या पैर से दिमाग तक पहुंचाने वाली नसें काम करना बंद कर देती है. इसके लक्षणों को पहचानना और उचित उपचार कराना जरूरी है क्योंकि पार्किंसन रोग का इलाज नहीं है. पार्किंसंस रोग एक ऐसी पुरानी बीमारी है जो केवल समय के साथ खराब होती जाती है. नए शोध के मुताबिक, बोलने में बदलाव पार्किंसन रोग के शुरुआती लक्षणों में से एक है, जो कंपन और मांसपेशियों में अकड़न से पहले दिखाई देता है.
पार्किंसन रोग किन कारणों से होता है?
पार्किंसन बीमारी के शुरुआती चरणों में रोगी धीरे-धीरे बोल सकते हैं और उनका स्वर सुस्त, धीमा हो सकता है, जिससे उन्हें कम दिखाई देने लगता है. पार्किंसन के लक्षण केवल बोलने तक सीमित नहीं हैं. कुछ लक्षणों में कंपकंपी, धीमी गति, मांसपेशियों की कठोरता, मुद्रा बनाए रखने में कठिनाई, संतुलन और लिखने में कठिनाई शामिल हैं. पार्किंसन रोग का कोई ज्ञात कारण नहीं है, पार्किंसन बीमारी विकसित होने का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है. यह बीमारी आमतौर पर लोगों को तब होती है जब वे 60 या उससे अधिक उम्र के होते हैं.
समय रहते इस बीमारी की ऐसे करें पहचान
पार्किंसन बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है, दवाएं अक्सर लक्षणों को काफी कम कर सकती हैं. अधिक गंभीर परिस्थितियों वाले चुनिंदा मामलों में सर्जरी का सुझाव दिया जा सकता है. साथ ही, आपका डॉक्टर नियमित एरोबिक सहित आपके जीवन के तरीके में बदलाव करने की सलाह दे सकता है. पार्किंसन बीमारी में शुरुआत में जब कोई कुछ लिखता है तो पेन पकड़ने में ही दिक्कत होने लगती है. समझ लीजिए यही से पार्किंसन की शुरुआत हो जाती है, इसके अलावा आपकी आवाज में भी बदलाव आने लगता है. कुछ लोगों की आवाज बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है, ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करने की जरूरत होती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.