Pet Dogs: डॉगी की जान ले सकता है ये वायरस, बचाव के लिए इन कदमों को जरूर उठा लिजिए
अमूमन कुत्ते पारवो वायरस से संक्रमित हो जाते हैं. यह वायरस इतना खतरनाक है कि समय पर इलाज न मिले तो डॉगी की जान चली जाती है. इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है.
Dog Breeds: कोरोना जैसे हजारों वायरस हवा में तैरते रहते हैं. जैसे ही व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. ये वायरस बॉडी पर अटैक कर उन्हें अपनी चपेट में लेने की कोशिश करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल हयूमन बॉडी पर ही ये वायरस अटैक करते हैं. काफी संख्या में वायरस ऐसे भी हैं, जोकि पशुओं के प्रतिरोधक तंत्र पर हमला कर उन्हें बीमार बना देते हैं. कई बार ऐसे ही वायरस उनकी जान तक ले लेते हैं. लोग पेट डॉग्स यानि कुत्ते पालने के बेहद शौकीन होते हैं. लोग कुत्ते को अपने साथ परिवार के सदस्य की तरह ही रखते हैं. ऐसे मेें कुत्ते से उनमें भी इन्फेक्शन फैलने की संभावना रहती है. कुत्तों में होने वाले एक ऐसे ही वायरस के बारे में जानना जरूरी है, जिससे बचाव जरूर करना चाहिए.
कुत्तों के लिए खतरनाक है पारवो वायरस
कुत्तों को एक वायरस अपनी चपेट में ले लेता है. इसे पारवो के नाम से जाना जाता है. पारवो वायरस संक्रमित कुत्तों के मल या उनके सीधे संपर्क में आने से फैलता है. दरअसल, यह एक संक्रामक रोग है. पारवो महीनों तक खुले एनवायरमेंट में जिंदा रहता है. अगर किसी पारवो इन्पफेक्टिड कुत्ते के संपर्क में कोई कुत्ता आता है तो उसे यह बीमारी तुरंत हो जाती है. पानी के कटोरे, घास, बर्तन के संपर्क में आने पर भी इस वायरस की चपेट में आ जाते हैं. अगर इस वायरस का समय पर इलाज न कराया जाए तो यह कुत्तों की जान तक ले सकता है.
क्या हैं इसके लक्षण?
हर बीमारी की तरह पारवो के लक्षण भी कुत्ते में दिखने लगते हैं. इसके लक्षणों की बात करें तो संक्रमित होने पर कुत्ते को भूख लगनी बंद हो जाती है. उल्टी, दस्त में खून, कमजोरी और बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं. एडल्ट डॉगी के बचने की संभावना अधिक होती है. यदि पपीज संक्रमित है तो उसके बचने की संभावना कम हो जाती है.
पारवो हुआ, पता कैसे करें?
सबसे पहले पहचान तो डॉगी मेें लक्षणोें को देखकर ही की जाती है. लेकिन यदि किसी तरह का डाउट है कि यह लक्षण किसी और बीमारी के भी हो सकते हैं तो इसके लिए पिफर कुत्ते का मेडिकल एग्जामिनेशन किया जाता है. कुत्ते के ब्लड और मल के नमूने जांच के लिए भेजे जाते हैं.
क्या है इलाज
डॉक्टरों का कहना है कि डॉगी यदि पारवो से संक्रमित हो जाए तो इसका कोई इलाज नहीं है. बीमारी गंभीर न हो, इसलिए लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है. पारवो से बचाव के लिए हर साल इसकी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए. पपीज को 6-8 सप्ताह की उम्र से वैक्सीन लगनी शुरू हो जाती है. जबतक 16 सप्ताह के नहीं होते हैं, तबतक 3-4 सप्ताह में बूस्टर लगते हैं. एडल्ट होने पर हर साल बूस्टर डोज लगवानी चाहिए.
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