'तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इससे कर्क (कैंसर) रोग हो सकता है.' ये लाइन आपको हर सिगरेट के डिब्बे पर देखने को मिल जाएगी. लेकिन इसके बाद भी लोगों का सिगरेट पीना कम नहीं होता है. अब तक आपने सुना होगा कि जो लोग सिगरेट पीते हैं, सिर्फ उन्हें ही कैंसर होता है...लेकिन क्या कभी आपने ये सुना है कि सिगरेट पीने वालों के साथ रहने वाले को भी कैंसर हो गया हो. ऐसा ही एक मामला चर्चा में था हैदराबाद की नलिनी का. जिनको उनके पति के सिगरेट की लत की वजह से कैंसर हुआ था. चलिए आपको बताते हैं कि सामने वाले के सिगरेट पीने से आप मौत के कितने करीब पहुंच जाते हैं.
हैदराबाद की नलिनी का क्या मामला है?
बीबीसी में छपी एक खबर के अनुसार, हैदराबाद में नलिनी सत्यानारायण नाम की एक महिला रहती हैं. साल 2010 में जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुईं और उन्होंने अपना टेस्ट कराया तो पता चला कि उन्हें कैंसर है. हालांकि, उन्होंने अपने जीवन में कभी तंबाकू का सेवन नहीं किया था. अब सवाल उठता है कि फिर उन्हें कैंसर हुआ कैसे? बीबीसी को दिए अपने इंटरव्यू में नलिनी बताती हैं कि उनकी शादी को 33 साल से ज्यादा हो गए हैं.
उनके पति एक चेन स्मोकर हैं, इस वजह से वो ना चाहते हुए भी हर रोज सिगरेट का धुंआ अपने अंदर इनहेल करती हैं. इसे सीधे शब्दों में ऐसे समझिए कि अगर आप किसी के साथ हैं जो आपके आसपास रह कर सिगरेट पीता है तो उसके द्वारा छोड़ा गया धुंआ आपके भी फेफड़ों में जाता है और फिर आप बिना सिगरेट पिए हुए भी तंबाकू से होने वाले कैंसर का शिकार बन जाते हैं.
पैसिव स्मोकिंग से मर रहे लोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल तंबाकू के सेवन से लगभग 80 लाख लोगों की कैंसर से मौत होती है. इसमें 12 लाख ऐसे लोग होते हैं जिनकी मौत अप्रत्यक्ष रूप से तंबाकू का सेवन करने से होती है. यानी ये लोग सिर्फ इसलिए अपनी जाव गंवा देते हैं, क्योंकि ये सिगरेट पीने वालों के साथ रहते हैं.
वहीं अगर भारत की बात करें तो WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर साल तंबाकू के सेवन से मरने वालों की संख्या 13.5 लाख के पार है. यानी अब आपको समझना होगा कि आप सिगरेट भले ही ना पीते हों, लेकिन अगर आपके आसपास भी कोई सिगरेट पी रहा है तो वो आपको मौत के नजदीक ले जा रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत की कुल आबादी जिसकी उम्र 15 साल से ज्यादा है, उसमें 29 फीसदी युवा तंबाकू का सेवन करते हैं.
किस उम्र में युवा सिगरेट पीना शुरू करता है
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, सिगरेट पीने की चाह बच्चों में 10 से 13 साल के बीच ज्यादा देखी गई है. वहीं 13 से 16 साल के बीच, बच्चों को इसकी लत लगने लगती है. अगर बच्चों को इस दौरान सिगरेट पीने से रोक दिया जाए तो हो सकता है कि उनकी लत छूट जाए. लेकिन, अगर बच्चों को इस उम्र में सिगरेट की लत लग गई तो फिर उनकी सिगरेट बड़ी मुश्किल से छूटती है.
सिगरेट सबसे ज्यादा किसकी जान ले रहा है
WHO की ही रिपोर्ट के मुताबिक, सिगरेट सबसे ज्यादा जान मर्दों की ले रहा है. दुनियाभर में लगभग 70 लाख मर्द हर साल तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से अपनी जान गंवा दे रहे हैं. जबकि, दुनियाभर में लगभग 12 लाख ऐसी महिलाएं भी हैं जो तंबाकू के सेवन से अपनी जान से हाथ धो बैठ रही हैं. बच्चों की बात करें तो पैसिव स्मोकिंग से हर साल दुनियाभर में लगभग 6 लाख बच्चे अपनी जान गंवा दे रहे हैं. ये वो बच्चे हैं जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी, लेकिन इनके आसपास के लोग सिगरेट पीते हैं और उनकी वजह से ये अपनी जान गंवा रहे हैं.
एक दिन में कितनी सिगरेट पी जाता है इंडिया
statista.com ने जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 के बीच एक सर्वे किया. इस सर्वे में 18 से 45 साल के बीच की उम्र के लोगों से पूछा गया कि वह दिन में कितनी सिगरेट पीते हैं. इसमें 34 फीसदी भारतीयों ने बताया कि वह कभी-कभी ही सिगरेट पीते हैं. वहीं, 37 फीसदी भारतीयों ने कहा कि वह दिन का 1 से 5 सिगरेट पीते हैं. जबकि, 17 फीसदी भारतीय ऐसे थे जिन्होंने कहा कि वह दिन का 6 से 10 सिगरेट पीते हैं. 7 फीसदी भारतीयों ने कहा कि वह 11 से 20 सिगरेट एक दिन में पी जाते हैं. वहीं 2 फीसदी भारतीय ऐसे थे, जिन्होंने कहा कि वह दिन का 21 से 30 सिगरेट पीते हैं. जबकि, अन्य 2 फीसदी भारतीयों ने बताया कि वह दिन का 31 से ज्यादा सिगरेट पीते हैं.
लोग तंबाकू से दूरी बना रहे हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लोग अब तंबाकू से होने वाले खतरे के प्रति जागरुक हो रहे हैं. यही वजह है कि अब तंबाकू का सेवन करने वालों की तादाद में पहले के मुकाबले कमी देखने को मिली है. साल 2000 से 2020 की तुलना करें तो तंबाकू का सेवन करने वालों की तादाद में काफी कमी देखने को मिलती है. जैसे साल 2000 में जहां 15 साल की उम्र से ज्यादा के करीब 32 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते थे. वहीं साल 2020 में ये संख्या घटकर 20 फीसदी हो गई.
महिला पुरुष की बात करें तो साल 2000 में जहां 49 फीसदी पुरुष और 37 फीसदी महिलाएं तंबाकू का सेवन करती थीं, वहीं साल 2020 में ये संख्या घट कर 16 फीसदी और 8 फीसदी ही रह गई. हालांकि, इसके बाद भी आज लाखों लोग हर साल तंबाकू के सेवन से अपनी जान गंवाते हैं.
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