PCOS Diet: पीसीओएस से निपटने और शरीर को हेल्दी रखने के लिए डाइट में शामिल करें ये फूड आइटम्स
अच्छा खान-पान और जीवनशैली पीसीओएस की समस्या से राहत दिलाने में मददगार है. पीसीओएस में कैसी हो आपकी डाइट आज ये जानिए.
PCOS Diet: 20 से 29 वर्ष की लगभग 16% महिलाएं हर दिन पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस से निपटती हैं. पीसीओएस ओवरी से संबंधित एक समस्या है जिसकी वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और गर्भधारण करने में मुश्किल होती है. इस बीमारी में महिलाओं के शरीर में फीमेल हार्मोन की बजाए मेल हार्मोन का स्तर ज्यादा बनने लगता है. इस बीमारी की वजह से अंडाशय में कई गांठे जिन्हें सिस्ट भी कहा जाता है, वह बनने लगती है. जैसे-जैसे ये गांठे बड़ी होती है तो ये ओवुलेशन की प्रक्रिया में रूकावट डालती हैं और फिर गर्भधारण करने में मुश्किल होती है. पीसीओएस से ग्रसित महिला में टाइप टू डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है. हालांकि अगर खानपान और जीवनशैली अच्छी हो तो पीसीओएस की समस्या से निपटा जा सकता है.
एक इंटरव्यू में कंसल्टिंग न्यूट्रिशनिस्ट, क्लिनिकल डायटिशियन और हेल्थ हैबिटेट की संस्थापक प्राची शाह ने उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताया जिनका सेवन पीसीओएस के दौरान महिलाएं कर सकती हैं और इसके खतरे को कम किया जा सकता है.
ये फ़ूड आइटम डाइट में करें शामिल
मेथी
मेथी का सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है. मेथी का सेवन कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मददगार है.
रागी
रागी कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है और ये ग्लूटन फ्री आटा है. ये पीरियड के दौरान ऐठन से बचाता है. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में दर्दनाक ऐठन की समस्या बहुत आम है. जो महिलाएं डेयरी उत्पादों को खाना पसंद नहीं करती हैं उनके लिए रागी एक अच्छा अल्टरनेटिव है. ये कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है. रागी के आटे का आप डोसा, दलिया या रोटियां बना सकते हैं.
जामुन और चेरी
जामुन और चेरी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं. ये खाने में मीठे होते हैं जो आपके क्रेविंग को रोकने में मदद कर सकते हैं. चीनी से बने डजर्ट के बजाय आप दिन में कम से कम 1 से 2 सर्विंग फलों को अपनी डाइट में शामिल करें. फलों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सूजन से लड़ने में मदद और पीसीओएस से बचाव करते हैं.
हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां
आहार में डार्क जीएलवी की कम से कम 1 से 2 सर्विंग शामिल करनी चाहिए. इनमें फाइबर अधिक और कैलोरी कम होता है. पालक और kale जैसी सब्जियां फोलेट और बी विटामिन से भरपूर होती हैं जो हिर्सुटिज्म और इंसुलिन को नियंत्रण करने में मदद करते हैं और प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं.
अलसी के बीज
अलसी के बीज फाइबर और ओमेगा 3 से भरपूर होते हैं. अलसी के बीज आपके एंड्रोजन स्तर को कम करने में मदद करते हैं और आपके लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार करते हैं. पीसीओएस में गुड फैट बहुत जरूरी है. हर दिन एक चम्मच अलसी के बीज का सेवन करने से आपको इस समस्या से निजात मिलेगा.
प्राची शाह ने बताया कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पीसीओएस के प्रबंधन में एक प्रमुख भूमिका निभाती है. क्योंकि ये दुबली मांसपेशियों के निर्माण और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है. एक्सरसाइज के साथ इन खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आपको पीसीएस की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. पीसीओएस आहार का पालन करते समय आपको फ्राइज़, मार्जरीन, रेड या प्रोसेस्ड मीट, सोडा और जूस जैसे पेय पदार्थो का सेवन कम करना चाहिए. सलाह यही दी जाती है कि आप इस समस्या के दौरान नियमित रूप से अपने डॉक्टर से परामर्श लें और उन्हीं की देखरेख में इस समस्या से छुटकारा पाएं.
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