PCOS Symptoms: पुरुषों के सापेक्ष महिलाओं की बॉडी अधिक सेंसटिव होती है. कुछ बीमारियां महिलाओं में उनकी शारीरिक बनावट और हार्मोन्स की वजह से भी हो जाती है. आज ऐसी ही बीमारी की बात करेंगे जोकि असल में बीमारी नहीं है, लेकिन किसी बीमारी से कम भी नहीं है. इस बीमारी का नाम है PCOS. पीसीओएस है क्या? यह आगे जांनेगे. मगर इतना जान यहां जान लेना जरूरी है कि यह बीमारी पूरी तरह से हार्मोनल इमबेलेंस से जुड़ी हुई है. इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर परेशानी भी दे सकती है. यहां जान लेना जरूरी है कि ये परेशानी बहुत अधिक परेशानी का सबब भी बन सकती है. 


क्या होता है PCOS?


PCOS को पोलिसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम कहा जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि यह किसी तरह की बीमारी नहीं होती है. ये महिलाओं में होने वाला हार्मोनल डिसबैलेंस है. इसमें महिला के शरीर में मौजूद पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का संतुलन बिगड़ जाता है. अनियिमित पीरियड्स और एक या दोनों अंडाशय ने 12 अमेच्योर रोम विकसित होने के कारण हो जाता है.


क्या दिखते हैं लक्षण


इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें महिलाओं में मोटापा होना, एक उम्र के बाद भी चेहरे पर मुहांसों का होना, एमोनेरिया या पीरियड्स न आना, कई जगहों पर बालों का उग आना, बांझपन, इसके अलावा महिलाएं अकसर पेट फूलने की शिकायत करती रहती हैं. हालांकि इनमें से कई लक्षण दूसरी बीमारियों से जुड़े भी हो सकते हैं. 


बार बार पेट फूलने की समस्या क्यों होती है


फॉलिकल्स मैच्योर होकर एवोल्यूशन के समय एक अंडा पैदा करते हैं. लेकिन पीसीओएस की समस्या में कई फॉलिकल्स मैच्योर नहीं हो पाते हैं और दोनों अंडाशय में ही इकट्ठा होने लगते हैं. महिलाओं में पुरुष हार्मोन एस्ट्रोजन की बढ़ोत्तरी होने लगती है, जबकि प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी होने लगती है. इससे पेट में फ्ल्यूड रिटेंशन होता है और पेट बार बार पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है. 


गर्भधारण करने में भी आती है दिक्कत


हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है. प्रेग्नेंसी के दौरान विशेष तौर पर इनकी दवा चलानी होती है. वहीं जो महिलाएं आईवीएफ तकनीक अपनाती हैं. उन्हें भी फर्टिलिटी के लिए दवा देनी होती है. इनके लिए कुछ समय का ट्रीटमेंट दिया जाता है. डॉक्टरों की सलाह पर ही दवा ली जाती हैं. 


क्या है इलाज? 


पीसीओएस कोई बीमारी न होने के कारण इसका ऐसा कोई इलाज भी नहीं है. महिलाओं को लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है. पेट फूलने की समस्या से बचने के लिए हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. इससे राहत मिल सकती है. वहीं, डॉक्टर महिलाओं को हार्मोन बैलेंस के लिए कुछ दवा देते हैं. इसका रेगुलर ट्रीटमेंट चलता है. नियमित रूप से योग और व्यायाम करने से भी काफी राहत मिल सकती है. यह समस्या मोटापे की वजह से गंभीर होती हैं. यदि महिला मोटापा कम कर लें तो इसपर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है.


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