Heat Wave: मानसून का शिद्दत से इंतजार कर रहा उत्तर भारत इस समय भयंकर गर्मी से जूझ रहा है. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्य तेज लू यानी हीट वेव (Heatwave) से झुलस रहे हैं. हीट वेव का सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है क्योंकि इससे हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है.
यह तो हम सभी जानते हैं कि बड़ों की तुलना में बच्चे और बुजुर्ग जल्दी हीट वेव का शिकार होते हैं ऐसे में उनका खास ख्याल रखना. लेकिन हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी की गई जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ये स्टडी बताती है कि हीट वेव का सबसे ज्यादा प्रभाव किन में होता है और उन्हें कैसे बचाया जा सकता है.
ये लोग ज्यादा बनते हैं हीटवेव का
Heat Wave: मानसून का शिद्दत से इंतजार कर रहा उत्तर भारत इस समय भयंकर गर्मी से जूझ रहा है. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्य तेज लू यानी हीट वेव (Heatwave) से झुलस रहे हैं. हीट वेव का सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है क्योंकि इससे हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है. यह तो हम सभी जानते हैं कि बड़ों की तुलना में बच्चे और बुजुर्ग जल्दी हीट वेव का शिकार होते हैं ऐसे में उनका खास ख्याल रखना. लेकिन हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी की गई जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. यस्टरडे बताती है कि हीट वेव का सबसे ज्यादा प्रभाव किन में होता है और उन्हें कैसे बचाया जा सकता है.
ये लोग ज्यादा बनते हैं हीटवेव का शिकार
इस नई स्टडी के मुताबिक दिव्यांग लोगों में हीट वेव का जोखिम ज्यादा देखने को मिलता है. इस स्टडी में यह बात सामने आई है कि ज्यादा गर्मी के संपर्क में आने से डिसेबल्ड लोगों की बीमार होने की संख्या बढ़ रही है और उन्हें इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है. अस्पताल में एडमिट होने वालों की संख्या भी इस बात का एक प्रमाण है.
दरअसल दक्षिण कोरिया में बुसान नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने जून से सितंबर के गर्म महीनों के दौरान हॉस्पिटल्स में एमरजेंसी एडमिशंस पर गर्मी के प्रभावों की पड़ताल की. द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि सामान्य आबादी की तुलना में विकलांग लोगों को गर्मी के दौरान अस्पताल भारती करने की संभावना लगभग दुगनी हो जाती है. खास तौर पर मेंटल और रेस्पिरेटरी बीमारियों के लिए.
इन लोगों को भी खतरा
आपको बता दें कि वयस्कों की तुलना में बच्चे, बीमार और बुजुर्ग जल्दी हीट वेव का शिकार बनते हैं क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है. ऐसे में इन लोगों को हीट वेव से बचाने के लिए आपको खास इंतजाम और सावधानी बरतने की जरूरत है.
हीट वेव का शरीर पर क्या असर होता है
आपको बता दें कि हीट वेव का शरीर पर बुरा असर पड़ता है. डायरिया, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना,कमजोरी महसूस होना,सिर में दर्द होना इसके हमले के लक्षण हैं. शरीर में दर्द होने के साथ साथ मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है. कई बार स्थिति गंभीर होने पर मरीज को बुखार तक हो जाता है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है. ऐसे में मरीज बेहोश तक हो सकता है और उसे दौरे की स्थिति तक आ सकती है.
हीट वेव से बचने के उपाय
हीट वेव से खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए आपको खास इंतजाम करने होंगे. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का सेवन करें. नारियल पानी, छाछ, शिकंजी, दही , लस्सी, कच्चे आम का पना आदि का सेवन करते रहें. ज्यादा तेल और मसाले वाले भोजन को डाइट में शामिल करने से बचें.
धूप में निकलने से बचें. अगर घर से निकलना जरूरी है तो आंखों पर चश्मा, सिर पर कपड़ा डालकर निकलें. सूती, हल्के और ढीले कपड़े पहनें. रेफ्रिजरेटर की बजाय मटके का पानी पीना आपके लिए फायदेमंद होगा. कोशिश करें कि दिन में दस बजे से लेकर चार बजे तक घर से बाहर ना रहें क्योंकि इस दौरान तेज लू का कहर होता है. अगर किसी तो हीट स्ट्रोक हुआ है तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें :