वजन से अधिक और मोटा होना गंभीर चिंता की बात है क्योंकि उसके सेहत पर खराब प्रभाव हो सकते हैं. जब, लोग कैलोरी का बर्न करने के मुकाबले ज्यादा सेवन करते हैं, तो ज्यादा कैलोरी फैट की शक्ल में इकट्ठा हो जाती है. हालांकि, शरीर के फैट में थोड़ी बढ़ोतरी सेहत के लिए खतरा पैदा नहीं करती. लेकिन, जब लोग कैलोरी को खर्च करने से ज्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं, तो फैट उनके शरीर में जमा हो जाता है.


ये आखिरकार एक ऐसे बिंदु पर पहुंच जाता है जब शरीर के फैट की मात्रा सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है. और यही बात एक नई रिसर्च बताती है कि 18-24 वर्षीय युवा व्यस्कों को मोटा होने का ज्यादा जोखिम है.


18-24 में मोटापा से पीड़ित होने की संभावना
The Lancet Diabetes and Endocrinology में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, मोटापा अगले दस वर्षों में व्यस्कों के मुकाबले 18 और 24 साल की उम्र में लोगों के लिए बड़ी रुकावट बन सकता है. शोधकर्ता इस हकीकत को स्पष्ट करते हैं कि वयस्क आयु समूह में वजन बढ़ने का जोखिम सबसे ज्यादा और उम्र बढ़ने के साथ तेजी से कम होता है. नतीजे बताते हैं कि 18 से 24 साल की उम्र के लोगों को अधिक वजन या मोटा होने का 65 से 74 साल की उम्र वालों के मुकाबले चार गुना ज्यादा खतरा है. 18-24 वर्ष के लोगों में अधिक वजन से मोटापा में परिवर्तन की 4.6 गुना ज्यादा संभावना है.


मोटापा के जोखिम को कैसे कम किया जाए? 
मोटापा हाई कोलेस्ट्रोल, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, डायबिटीज, स्लीप एपनिया, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकता है. आप मोटे हैं या नहीं, इसको जानने के लिए आपको बॉडी मास इंडेक्स से हिसाब लगाने की जरूरत है, जो शरीर के आकार को मापने के लिए एक शख्स वजन और लंबाई की गिनती करता है. 30 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स वाला एक शख्स मोटा समझा जाता है. हालांकि, कई तरीकों से आप अपने वजन को काबू में रखने के लिए मदद ले सकते हैं.


हेल्दी डाइट और व्यायाम- वजन कम करने का बड़ा हिस्सा आपका खाना है और आपके शारीरिक व्यायाम करने पर निर्भर है. ज्यादा हेल्दी डाइट का खाना और व्यायाम करना वजन कम करने का सही तरीका है. खानपान में कुछ बदलाव की भी जरूरत होती है, जैसे ज्यादा साबुत अनाज, फल और सब्जियां, नट्स और सीड्स को शामिल करना, सैचुरेटेड फैट्स, कोलेस्ट्रोल, ज्यादा शुगर और सोडियम का सेवन कम करना, कम से कम 150 मिनट से 300 मिनट हर सप्ताह व्यायाम करना, सात से नौ घंटे की भरपूर नींद लेना दूसरा उपाय है. इसके अलावा, खाने को लेकर सजग रहना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है.


क्या है Nipah Virus और कैसे है ये कोविड-19 के समान? इस तरह जानें आप


Fact Check: क्या कोविड-19 का एस्पिरिन जैसी दवा से किया जा सकता है इलाज? जानिए सच्चाई