किसी खास उम्र में ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं बल्कि अलग-अलग उम्र के लोगों को अलग-अलग तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. 15 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं में मानसिक बीमारी और मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकार होने की संभावना सबसे अधिक होती है. बचपन से किशोरावस्था और प्रारंभिक से मध्य आयु तक मानसिक विकारों का बोझ बढ़ता जाता है. यहां युवा लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कुछ आंकड़े दिए गए हैं.


किसी खास उम्र में ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं बल्कि अलग-अलग उम्र के लोगों को अलग-अलग तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. 


टीनेज में डिप्रेशन


14 से 19 साल की उम्र में बच्चे अपनी इच्छाओं, ज़रूरतों, और व्यवहार को ठीक से समझ नहीं पाते. इस उम्र में कई बच्चे स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं, जिससे उन्हें मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. 


बुज़ुर्गों में अवसाद
60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में अवसाद हो सकता है. शारीरिक बीमारियां, जैसे कि विटामिन की कमी, कैंसर, थायरॉइड रोग, और संक्रमण, अवसाद का कारण बन सकती हैं. 


एंग्ज़ाइटी


एक सर्वे के मुताबिक, 18-25 साल की उम्र के 40% लोगों ने एंग्ज़ाइटी की बात स्वीकार की है, जबकि 60 साल और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों में यह अनुपात बढ़कर 53% मापा गया. 


दुनिया में 9 में से 1 व्यक्ति मानसिक बीमारी से पीड़ित है. मेंटल हेल्थ से जुड़ी 50% दिक्कतें 14 साल की उम्र तक और 75% समस्याएं 24 साल की उम्र में स्थापित हो जाती हैं.


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7 में से 1 किशोर मानसिक विकार का अनुभव करता है.


50% मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं 14 वर्ष की आयु तक स्थापित हो जाती हैं.


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75% मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं 24 वर्ष की आयु तक स्थापित हो जाती हैं.


15-29 वर्ष की आयु के लोगों में आत्महत्या मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है.बचपन और किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर स्थायी प्रभाव डाल सकती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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