बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों की समय से पहले मौत की संभावना 6 घुना अधिक- स्टडी
बीएमजे मेंटल हेल्थ में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक बाइपोलर डिजीज से पीड़ित लोगों की दुर्घटना हिंसा और आत्महत्या जैसे बाहरी कारणों से समय से पहले मरने की संभावना 6 गुना अधिक होती है.
Bipolar Disorder: बाइपोलर डिसऑर्डर कंपलेक्स मानसिक बीमारी है जिसमें रोगी का मन लगातार उदास रहता है या खुश रहता है. इसमें रोगी की मनोदशा दो विपरीत अवस्था में बदलती रहती है. कई बार इस बीमारी की चपेट में आने के बाद व्यवहार पर नियंत्रण रखना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं बाइपोलर डिजीज को लेकर एक बहुत ही चौंकाने वाली स्टडी हुई है. स्टडी के मुताबिक बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगों की प्रीमेच्योर डेथ की संभावना रहती है.
नई स्टडी में बाइपोलर डिजीज को लेकर चौंकाने वाला खुलासा
बीएमजे मेंटल हेल्थ में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक बाइपोलर डिजीज से पीड़ित लोगों की दुर्घटना हिंसा और आत्महत्या जैसे बाहरी कारणों से समय से पहले मरने की संभावना 6 गुना अधिक होती है. वही फिनलैंड में हुए जनसंख्या आधारित स्टडी के मुताबिक ऐसे लोगों की ह्रदय, सांस रोग और कैंसर जैसी बीमारी के कारण भी समय से पहले मृत्यु होने की आशंका सामान्य लोगों से 2 गुना ज्यादा होती है. इसमें शराब सबसे बड़ा कारण होती है.
बाइपोलर डिजीज वालों को समय से पहले मौत का खतरा
बता दें कि विशेषज्ञ इस बात को पहले से ही मानते थे कि बाइपोलर डिजीज वाले लोगों को समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि इसके पीछे का कारण साफ नहीं था, जिसे समझने के लिए स्टडी की गई. जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त 47,018 लोगों को शामिल किया जिनकी औसत आयु अध्ययन की निगरानी अवधि शुरू होने के समय 38 साल थी.यह अध्ययन 2004 से 2018 तक चला. स्टडी में सामने आया कि बाइपोलर डिजीज वाले 7 फ़ीसदी यानी की 3,300 लोगों की मृत्यु हुई. शोधकर्ताओं ने पाया कि बाइपोलर डिजीज से ग्रस्त लोगों में मृत्यु का खतरा बाहरी कारणों से 6 गुना और शारीरिक बीमारियों से दोगुना है. विशेषज्ञ बताते हैं कि 3300 मौतों में से 61 फ़ीसदी शारीरिक रूप से और 39 फ़ीसदी बाहरी कारणों से हुई. शारीरिक रूप से होने वाली मौतों में शराब सबसे अधिक 29 फ़ीसदी यानी के 595 मौतों का कारण पाई गई. इनमें से लगभग आधे लोगों में लिवर की बीमारी पाई गई.वहीं बाहरी कारणों से होने वाली मौतों में से आत्महत्या से सबसे ज्यादा 58 फीसदी मौत हुई. इनमें से लगभग आधे मामले मानसिक स्वास्थ्य दवाओं की अधिक मात्रा के लेने से हुई.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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