Social Inactive: आज के दौर में कुछ लोग अकेले रहना पसंद करते हैं. ना किसी की रोक टोक ना किसी की दखलअंदाजी. जब मन किया बाहर निकल गए. जब मन किया घर आ गए. लोगों को सोशल एक्टिव रहना पसंद ही नहीं आता. अगर आपको भी आकेलपन पसंद है तो ये आदत आपको जल्दी बूढ़ा बना सकती है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ऐसा एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है. आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ विस्तार से.


सोशल इनएक्टिव रहने से जल्दी आता है बुढ़ापा- स्टडी


न्यूजीलैंड में डुनेडइन मल्टीडिसीप्लिनरी हेल्थ डेवलपमेंट द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक कम सोशल एक्टिव रहने की आदत इंसान को वक्त से पहले बूढ़ा बना सकती है. ये स्टडी इंटरनेशनल जर्नल आफ एनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में पब्लिश्ड हुई है. शोधकर्ताओं ने पाया कि 45 की उम्र पर पहुंचने पर लोग अपने वास्तविक उम्र से साढ़े 4 साल ज्यादा दिख रहे हैं. इन लोगों में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया की रफ्तार तेज थी.शोधकर्ता बताते हैं कि लंबे समय तक फिट के लिए जितना फिजिकली फिट होना जरूरी होता है उतना ही जरूरी मेंटल फिटनेस होता है. अगर आप अकेले रहते हैं तो आपका मेंटल हेल्थ सही नहीं रहता है. अकेले रहने की आदत की वजह से आपको किसी से उम्मीद नहीं रहती है. आप खुश नहीं रहते हैं. आपको स्ट्रेस या एंग्जाइटी में रहने की आदत होती है. आप स्मोकिंग करने लगते हैं और ऐसे यह त्वचा पर असर डाल सकती है. जिस कारण त्वचा का कसाव कम होने के साथ ही झुर्रियां और एजिंग की प्रक्रिया का तेज होना भी देखा जा सकता है.


फिजिकल हेल्थ भी होता है प्रभावित


आपको बता दें कि अकेलापन ना आपको मेंटली बीमार बनाता है. बल्कि आपका फिजिकल हेल्थ भी प्रभावित होता है. इसके चलते आपको हाई बीपी, डायबिटीज, डिप्रेशन, इम्यूनिटी का वीक होना, दिल से जुड़ी समस्याएं होने के साथ-साथ कुछ मामलों में मौत भी देखी जा सकती है. एक शोध के मुताबिक अलग-थलग रहने से दिल से जुड़ी बीमारियों को खतरा 29 फ़ीसदी और स्ट्रोक का खतरा 32 फ़ीसदी बढ़ जाता है.


सोशल इएक्टिव का मतलब समझिए


सोशल इनएक्टिव का मतलब होता है लोगों से ज्यादा बातचीत ना करना. लोगों के संपर्क में आने से बचना, आपके सराउंडिंग में 4 लोग हैं फिर भी अलग जाकर बैठना. ऐसे लोगों को सोशल इनएक्टिव कह सकते हैं. आप जब लोगों से कम मिलते हैं कम बातचीत करते हैं तो आपको तनाव होता है और इससे आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी घटने लगता है.