घरेलू कामकाज को मामूली न समझने की करें भूल, डिमेंशिया का जोखिम करता है दूर
Household Chores Reduces Dementia: रिसर्च से पता चला है कि शुरुआती उम्र से घरेलू कामकाज बाद में डिमेंशिया के जोखिम को कम करने में मददगार होते हैं.
Household Chores Reduces Dementia: डिमेंशिया संकेतों और लक्षणों का एक ग्रुप यानी सिंड्रोम है, जो दिमाग में चोट या बीमारियों के कारण होता है. दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों में इसकी पहचान होती है. स्वास्थ्य की इस स्थिति में याद्दाश्त, सोच, दिमागी क्षमता और सामाजिक जिंदगी प्रभावित होती है. इन लक्षणों के अलावा मूड और व्यवहार में बदलाव भी आम हैं. शुरुआती चरण में डिमेंशिया पीड़ित अक्सर काम से अलग हो जाते हैं. इस स्थिति को विकसित होने से रोकने का कोई तरीका नहीं है और न ही इलाज किया जा सकता है. हालांकि, शुरुआती उम्र से कुछ मामूली उपाय कर जोखिम को कम करने का विकल्प हमेशा मौजूद है और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना उनमें से एक है.
घर के सामान्य कामकाज भूलने के लक्षणों को करते हैं कम
पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी ने लोगों में सामाजिक अलगाव पैदा किया है. उसकी वजह से लोग तनाव में हैं और समझ नहीं पा रहे कि क्या करना है. तनाव लोगों की प्रोडक्टिवटी को कम कर रहा है और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. भूलने की बीमारी और याद्दाश्त की कमजोरी बुजुर्गों में आम है लेकिन तनाव के कारण कई बार आम लोगों में डिमेंशिया होने लगती है. रिसर्च के मुताबिक कुछ घरेलू काम करने से डिमेंशिया का जोखिम आगे की उम्र में कम हो सकता है.
छोटी उम्र में करें घरेलू काम, नहीं होंगे डिमेंशिया के शिकार
न्यूरोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, साधारण कामकाज जैसे साफ-सफाई और बागवानी डिमेंशिया के जोखिम को कम कर सकती है और नियमित करने पर उसको काबू करने योग्य भी बना सकती है. अगर आप घर की साफ-सफाई शुरुआती उम्र से कहते हैं, तो बुढ़ापे में भूलने की बीमारी आपको परेशान नहीं करेगी. ऐसा करने से काम करने की क्षमता बेहतर होती है. घर की सफाई में व्यस्त रहना दिमाग के वॉल्यूम को बढ़ाता है, यानी दिमाग के काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी. रिसर्च में पाया गया कि जो लोग घर का काम करते हैं, उनमें दिमाग का वॉल्यूम बाहर फिजिकल व्यायाम करनेवालों के मुकाबले ज्यादा होता है.
साफ-सफाई, बागवानी के अलावा बिस्तर, तकिए की देखभाल, कूकिंग जैसे सामान्य घर के कामकाज भी फायदेमंद हैं. घर को व्यवस्थित रखने से तनाव, चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है. मिसाल के तौर पर अगर हम साफ सफाई करते हैं तो उससे दिमाग में एंडोर्फिन नामक हार्मोन जारी होता है, जो दर्द के एहसास को कम करता है और दिमाग में सकारात्मक ऊर्जा महसूस की जाती है.
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