म्यूजिक मूड बूस्टर और स्ट्रेस रिलीवर होता है. म्यूजिक सुनने से हमे खुशी मिलती है, हम फ्रेश फील करते हैं, मूड अच्छा होता है और तनाव भी कम होता है. इसी वजह से, प्राचीन काल से म्यूजिक थेरेपी का उपयोग विभिन्न शारीरिक और मानसिक समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है. इतना ही नहीं मानसिक रोगियों को ठीक करने के लिए भी म्यूजिक का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि गर्भ में पल रहे अनबॉर्न बच्चे भी संगीत सुन सकते हैं और एन्जॉय कर सकते हैं. यूनिसेफ.ऑर्ग (unicef.org) के अनुसार गाना बच्चों पर बहुत अच्छा असर डालता है. भले ही बच्चा गर्भ में हो लेकिन प्रेगनेंसी के 18वें हफ्ते से बच्चे को गाना सुनाइ पड़ने लगता है. सिर्फ इतना ही नहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे को वह संगीत जन्म के बाद भी याद रहता है.
हाल ही में हुए कुछ स्टडीज़ में ये दावा किया गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान गाना सुनने से बच्चे का दिमाग तेज़ और बेहतर तरीके से विकसित होता है. इसके साथ ही स्टडीज़ ने बताया कि गाना सुनने से ब्रेन स्ट्रक्चर भी विकसित होता है. आइए प्रेगनेंसी में गाने सुनने के और फायदों के बारे में जानते हैं.
स्ट्रेस कम होता है
एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिलाएं गाना सुनती हैं तो उनका स्ट्रेस कम होता है. किसी भी प्रकार की मानसिक तकलीफ जैसे की एंग्जायटी, घबराहट और स्ट्रेस से गाना राहत पहुंचाता है. इससे मां बनने वाली महिला और गर्भ में पल रहा बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं.
इमोशनल हेल्थ सही होती है
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के हॉर्मोन्स में कइ बदलाव आते हैं जिसकी वजह से वो बहुत इमोशनल होने लगती हैं. ऐसे में म्यूजिक सुनने से महिलाएं खुद को इमोशनली हेल्दी और स्ट्रॉन्ग महसूस करती हैं.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है
प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेस के कारण महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. लेकिन, संगीत सुनके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है. ब्लड प्रेशर दिल के लिए नुकसानदायक होता है इसीलिए, संगीत सुनने से प्रेगनेंट महिला के लिए दिल की बीमारियों का ख़तरा भी कम होता है.
व्यक्तिगत विकास में बढ़ावा
यह माना जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान आप जिस प्रकार का संगीत सुनते हैं, वह आपके बच्चे के व्यक्तित्व को बनाने में मदद कर सकता है. इस प्रकार, सॉफ्ट और सरल संगीत एक शांत और शांत आचरण को प्रोत्साहित कर सकता है, जबकि तेज और पॉप संगीत आक्रामक लक्षणों को सामने ला सकता है.
किस तरह के गाने सुनने चाहिए
1. सरल धुन वाले संगीत सुने
2. सॉफ्ट सॉन्ग सुने
3. अपने पसंदीदा गाने सुने
4. पॉप सॉन्ग सुने पर आवाज़ धीमे करके
कितनी देर सुनना चाहिए गाना
ध्यान दें कि अगर आप स्पीकर में गाना सुन रहीं हैं तो धीमी आवाज़ में सुने और अगर हेडफोन पेट पर रख रहीं हैं तो वॉल्यूम लेवल कम कर दें. दिन में 1-2 घंटे के लिए ही गाना सुनें. अधिक गाना सुनने से आप बच्चे का स्लीपिंग पैटर्न बिगाड़ सकती हैं.
इसी प्रकार गाना सुनने से प्रेगनेंट महिलाएं अधिक खुशहाल रहती हैं. जिससे, बच्चे पर भी अच्छा असर पड़ता है. इसी तरह म्यूज़िक सुनना मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद साबित होता है.