ऑनलाइन पॉर्टल 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक स्टेटिक आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज करना सेहत के लिए अच्छा होता है. यह ऐसी एक्सरसाइज है जिसमें शरीर के सभी मासपेशियां एक्टिव हो जाती है. यह एक्सरसाइझ हाई बीपी को कंट्रोल करती है. अब आप सोचेंगे यह कौन सी एक्सरसाइज है तो आपको बता दें कि यह प्लैंक और स्क्वाट एक्सरसाइज है. 


स्क्वाट, प्रेस-अप और वेट, हाई इंटेसिटी ट्रेनिंग को बनाएं अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा


रिसर्च से पता चला है कि कार्डियो (एरोबिक व्यायाम), डायनेमिक रेसिस्टेंस ट्रेनिंग, जैसे स्क्वाट, प्रेस-अप और वेट, हाई इंटेसिटी ट्रेनिंग या HIIT (कम तीव्रता पर कम अवधि की रिकवरी के साथ उच्च-तीव्रता वाले व्यायाम के एपिसोडिक छोटे दौर) भी काफी ज्यादा प्रभावी होते हैं. लेकिन आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज संयुक्त प्रशिक्षण (76 प्रतिशत), गतिशील प्रतिरोध प्रशिक्षण (46 प्रतिशत), एरोबिक व्यायाम प्रशिक्षण (40.5 प्रतिशत) और HIIT (39 प्रतिशत) की तुलना में सिस्टोलिक (हाई रीडिंग) बीपी को 98 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब होते हैं. 


सिस्टोलिक बीपी 90 प्रतिशत तक इस एक्सरसाइज से कंट्रोल में रहती है


वॉल स्क्वैट्स (आइसोमेट्रिक) और रनिंग (एरोबिक) सिस्टोलिक बीपी (90.5 प्रतिशत) और डायस्टोलिक (कम रीडिंग) बीपी (91 प्रतिशत) को कम करने के लिए सबसे शानदार एक्सरसाइजों में से एक है, आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज के साथ, कुल मिलाकर, दोनों रक्तचाप यानि हाई बीपी और लो बीपी दोनों को कम करने के लिए सबसे असरदार है. 


'कैंटरबरी क्राइस्ट चर्च यूनिवर्सिटी' के रिसर्चर


'कैंटरबरी क्राइस्ट चर्च यूनिवर्सिटी', यूके के रिसर्चर ने कहा कि कुल मिलाकर, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर दोनों को कम करने में आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज ट्रेनिंग सबसे असरदार होता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस रिसर्च के रिजल्ट में कह सकते हैं आर्टरी हाई बीपी को कंट्रोल करने और इसका इलाज करने में दवा से ज्यादा असरदार है ये एक्सरसाइज. पहले प्रकाशित शोध से पता चलता है कि सामान्य तौर पर व्यायाम रक्तचाप में महत्वपूर्ण कमी के साथ जुड़ा हुआ है, एरोबिक (कार्डियो) व्यायाम, जैसे चलना, दौड़ना और साइकिल चलाना आदि अगर आप अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएंगे तो आप बीपी जैसी बीमारी से बचे रहेंगे. इस रिसर्च में 1990 से लेकर साल 2023 के 270 डेटा को शामिल किया गया.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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