सावधान, दिल के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण हो सकता है जानलेवा
दिल्ली और एनसीआर में जहरीली हवा ने लोगों का सांस लेना दुभर कर दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं ये वायु प्रदूषण दिल के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक है. पढ़ें क्या कहती है ये रिपोर्ट.
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नई दिल्लीः वायु प्रदूषण के कारण हेल्दी लोग भी आसानी से बीमार पड़ जाते हैं. ये लोगों को सांस संबंधी बीमारियों से लेकर एलर्जी और आंखों संबंधी जैसी कई बीमारियां दे सकता है. क्या आपने कभी सोचा है सामान्य लोगों के मुकाबले अस्थमा से परेशान और दिल के मरीजों का वायु प्रदूषण पर क्या असर पड़ सकता है? चलिए जानते हैं बीमार लोगों खासतौर पर दिल के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण कैसे खतरनाक है. दिल के मरीजों को सिर्फ दिल ही बीमारी नहीं होती बल्कि उन्हें छाती में दर्द, सांस लेने में समस्या, जल्दी थकान जैसी परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है. वायु प्रदूषण के कारण कितने मरीजों का हार्ट ट्रांसप्लांमट तक की नौबत आ जाती है. एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. संदीप सेठ का कहना है कि जब किसी मरीज का हार्ट फेल्योर होता है, तो उनके दिल और फेफड़े पहले से ही बहुत तनाव में होते हैं. प्रदूषण के स्तर में वृद्धि से अंगों पर अधिक दबाव पड़ता है और ऐसी स्थितियों से पीड़ित रोगियों के लक्षण बढ़ने लगते हैं. ऐसे मरीजों की हालत में सुधार करने का एकमात्र तरीका हार्ट ट्रांसप्लांट होता है. दिल्ली जैसे शहर में प्रदूषण के स्तर ने लोगों को खूब परेशान किया हुआ है. कितने ही लोग इस कारण अस्पताल में दाखिल हो चुके हैं.
क्या कहते हैं आंकड़ें - हर साल देश में लगभग 10,000 लोगों को हृदय प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन अंगों की कमी के कारण केवल 150 से 200 लोगों का ही हार्ट ट्रांसप्लांट हो पाता है. प्रदूषण के स्तर में वृद्धि से ये आंकड़ा बढ़ जाता है
क्या कहते हैं एक्सपर्ट - एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. संदीप सेठ का कहना है कि कई तरह के हृदय रोगों के लिए वायु प्रदूषण भी एक प्रमुख जोखिम कारक है, विशेष रूप से हार्ट अटैक. उन्होंने कहा कि प्रदूषण से सांस की बीमारियों के साथ-साथ दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसी स्थितियों के बीच लिंक भी है जो कई हृदय रोगों के लिए जोखिम कारक हैं.
क्या कहती है रिसर्च - लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में पिछले साल प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली सेहत संबंध समस्याओं में हृदय रोग सबसे अधिक 23.8% हैं. अध्ययन से ये भी पता चला कि अगर वायु प्रदूषण नहीं होता तो भारतीय औसतन 1.7 साल अधिक जीवित रहते.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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