नई दिल्ली: दिल्ली की हवा कितनी जहरीली हो चुकी है शायद आपको इस बात का अंदाजा न हो. एयर क्वालिटी के लिहाज से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए साल 2016 बेहद खराब रहा. साल 2016 में हवा में प्रदूषित कण पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा शहर के कुछ इलाकों में सुरक्षित मानकों से पांच गुना तक ज्यादा पहुंच गई.

एन्वायरमेंट मिनिस्टर अनिल दवे ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि दिल्ली में साल 2014 के बाद से लगातार हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढ़ी है, लेकिन पिछले सालों की तुलना में 2016 के दौरान वायु में इसकी मात्रा काफी तेजी से बढ़ी है.

वार्षिक निर्धारित मानकों के अनुसार, भारत में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा प्रति घन मीटर में 40 और 60 माइकोग्राम रही. वहीं 24 घंटे के मानक के अनुसार यह मात्रा क्रमश: 60 और 100 रही.

द सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के तहत आने वाले शाहजादाबाग निगरानी स्टेशन ने हालांकि नियत वार्षिक मानक के मुकाबले पिछले साल हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा क्रमश: 120 और 348 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की, जबकि सिरी फोर्ट स्टेशन ने इसकी मात्रा क्रमश: 102 और 320 ग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की.

दिल्ली में पिछले साल पीएम 10 की मात्रा 260 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई, जो कि सुरक्षित स्तर से चार गुणा ज्यादा है. वहीं प्रदूषक एनओटू ‘नाइट्रोजन डाईऑक्साइड’ के मामले में यह 65 रहा, जबकि इसका वार्षिक मानक 40 है.

मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि नवंबर 2016-जनवरी 2017 के दौरान मौसम की वर्तमान अवस्थाओं जैसे हवा की गति कम होने और तापमान में कमी की वजह से इन कणों की मात्रा सबसे ज्यादा ज्यादा रही.

दिल्ली में पिछले साल 2016 में नवंबर के पहले सप्ताह में भयंकर धुंध के कारण एयर क्वालिटी बेहद खराब रही. इस स्थिति को साइंस और एन्वायरमेंट सेंटर ने पिछले 17 वर्षों में सबसे खराब बताया था.

दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 राष्ट्रीय मानकों की अपेक्षा भले ही ज्यादा दर्ज की गई हो, लेकिन वायु में एसओटू ‘सल्फर डाइऑक्साइड’ की मात्रा नेशनल एन्वायरमेंट एयर क्वालिटी मात्रा के भीतर ही रही.