श्रीनगर: एक रिसर्च में आश्चर्यजनक खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में सर्दी के महीनों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया क्योंकि हवा में छोटे कणों की मात्रा सीमा से पांच गुना अधिक थी. विशेषज्ञों ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया है.


किसने की रिसर्च-
यह रिसर्च पुणे स्थित इंडियन ट्रापिकल मेट्रोलाजी इंस्टिट्यूट और कश्मीर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से किया है .


क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च में पाया गया है कि दुनिया भर में महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध श्रीनगर में सर्दी के महीनों में वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है .


मई13 से अप्रैल14 के बीच किये गए इस रिसर्च में कहा गया है कि श्रीनगर में सर्दी के महीनों में हवा की गुणवत्ता बदतर हो गयी .


हाल ही में जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार पीएम 2.5 का स्तर सर्दी के महीनों में 348 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया था जो तय सीमा से पांच गुणा अधिक है .


क्या है मुख्य कारण-
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसका मुख्य कारण घरेलू कामों के लिए कोयला जलाना है. घरेलू उपयोगों के लिए कोयला जलाने से प्रत्येक साल 1246 टन से अधिक का उत्सर्जन होता है जो कुल सालाना उत्सर्जन का 84 फीसदी है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शकील अहमद रोमशू ने दावा किया कि कई दिन तो श्रीनगर में वायु प्रदूषण का स्तर दिल्ली से भी ज्यादा खराब हो जाता है.


रोमशू ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि देश के सभी हिमालयी राज्यों में श्रीनगर की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है.


ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.