नईदिल्ली: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में पॉल्यूशन बढ़ने से ना सिर्फ अस्थमा और सांस संबंधी दिक्कतें सामने आ रही हैं बल्कि बच्चों को भी कई तरह की समस्याएं हो रही हैं. इसी के चलते एबीपीन्यूज ने एक्सपर्ट से बातचीत करके जाना कि बच्चों को एयर पॉल्यूशन से कैसे बचाया जा सकता है.


आंखों की दिक्कत और टायफायड का भी है डर-
एससीआई इंटरनेशनल हॉस्पीटल के बाल रोग विशेषज्ञ (पीडीअट्रिशन) डॉ विनय कुमार राय का कहना है कि एयर पॉल्यूशन का सीजनल इफेक्ट भी बच्चों पर पड़ता है. छोटे बच्चों में एयर पॉल्यूशन की वजह से कंजाक्तिविटिस (आंखों की दिक्कत) और टायफायड होने का खतरा बरकरार रहता है. सर्दियों के मौसम में तो बच्चों को कोल्ड और कफ के साथ सीरियस ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. इन सबसे बच्चों की ओवरऑल ग्रोथ पर भी इफेक्ट पड़ता है.


आउटडोर में खेलने से होती हैं ये दिक्कतें-
बच्चे अपना दो तिहाई समय इंडोर में बिताते हैं फिर चाहे वे स्कूल में हो या घर पर. लेकिन बाकी समय उनका आउटडोर में ही बीतता है. बच्‍चे आउटडोर में दिन के समय खेलते हैं जब पॉल्‍यूशन सबसे अधिक होता है. ऐसे में बच्चों के इम्यून सिस्टम, उनके लंग्स  और रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी इफेक्ट पड़ता है. तो जानिए, आप अपने बच्चों को कैसे एयर पॉल्‍यूशन से बचा सकते हैं.


इन बातों का रखें खास ख्याल-




  • जब एयर पॉल्यूशन बहुत अधिक हो तो बच्चों को एरोबिक एक्टिविटी करने से रोकें. खासतौर पर सुबह-सवेरे और शाम के समय.

  • अगर बच्चे क्रिकेट, फुटबॉल या टेनिस की प्रैक्टिस करते हैं तो कोच को लेट मॉर्निंग के वक्त प्रैक्टिस करने की रिक्वेस्ट कीजिए.

  • बच्चों के लिए हाई क्वालिटी मास्‍क लेकर रखिए. इससे बच्चे एयर बोर्न डिजीज से बच पाएंगे और फिल्टर्ड से प्योर हुई सांस ले पाएंगे.

  • कोशिश कीजिए कि एन95 या एन99 मास्क ही बच्चों को पहनाएं. मास्क पहनाते हुए ध्यान रखें कि बच्चे पर मास्क फिट आए और ढीला ना पड़े.

  • ट्रैफिक के समय बच्चों को घर पर ही रखें. अगर बच्चों को बाहर लेकर भी जाना पड़ रहा है तो गाड़ी से लेकर जाएं और गाड़ी के शीशे बंद रखें.

  • बच्चों के लिए हैंकी और चश्मे का इस्तेमाल करें.

  • बच्चों को उन जगहों पर खेलने ना जाने दें जहां पॉल्यूशन अधिक होने की आशंका है. कोशिश करें बच्चे ताजी हवा में ग्रीनरी के बीच ही खेलें.