अच्छी नींद ना आने का ये कारण जान हैरान रह जाएंगे आप
अगर आपको ठीक से नींद नहीं आती तो परेशान ना हो क्योंकि इसमें आपका नहीं आपके जीन्स का दोष है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि रिसर्च में ये बात सामने आई है. जानिए, क्या कहती है रिसर्च.
नई दिल्ली: क्या आप नींद संबंधी विकार से पीड़ित हैं? अगर हां, तो इसमें आपका दोष नहीं है. जी हां हाल ही में इस पर एक चौंकाने वाली रिसर्च आई है. जानिए क्या कहती है ये रिसर्च.
क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, नींद संबंधी विकार का कारण आप नहीं है बल्कि ये एक आनुवांशिक दोष है. शोधकर्ताओं ने यह खोज की है कि हमारे शरीर के कई भागों के आनुवांशिक कोड खराब नींद के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.
मेसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 47 ऐसी कड़ियों की पहचान की है, जो आनुवांशिक कोड और नींद के गुण और मात्रा से संबंधित हैं. जीनोमिक क्षेत्रों में पीडीई11ए नामक जीन खोजा गया. शोधकर्ताओं ने यह खोज निकाला कि असाधारण और भिन्न प्रकार का ये जीन ना सिर्फ नींद के समय को प्रभावित करता है, बल्कि उसकी गुणवत्ता पर भी असर डालता है.
क्या कहते हैं शोधकर्ता- एक्सेटर विश्वविद्यालय के मुख्य लेखक सैमुएल जोन्स ने कहा कि ये रिसर्च नींद की विशेषता को प्रभावित करने वाली आनुवांशिक भिन्नताओं की पहचान करेगा.
एंड्र्यू वुड ने कहा कि नींद की गुणवत्ता, मात्रा और समय में बदलाव से मनुष्य कई तरह की बीमारियां- डायबिटीज, मोटापा, मनोविकार इत्यादि की गिरफ्त में आ जाते हैं.
कैसे की गई रिसर्च- जनरल नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के करीब 85,670 और अन्य शोधों से करीब 5,819 प्रतिभागियों के आकड़े एकत्रित किए थे. इन्होंने अपनी कलाइयों पर मापक यंत्र बांध रखी थी, जो इनकी गतिविधियों के स्तर को लगातार रिकॉर्ड कर रहा था.
रिसर्च के नतीजे- नतीजों में पाया गया कि आनुवांशिक क्षेत्रों के साथ तो नींद की गुणवत्ता का संबंध है ही इसके साथ ही यह खुशी और सुख जैसी भावनाओं को संचारित करने वाले सेरोटोनिन के उत्पादन से भी संबंधित है. सेरोटोनिन निंद्रा चक्र में भी मुख्य भूमिका अदा करता है और गहरी, आरामदायक नींद प्रदान करता है.
ये खबर रिसर्च के दावे पर है, एबीपी न्यू्ज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. किसी भी खबर या सलाह पर अमल करने से पहले एक्ससपर्ट की राय जरूर लें.
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