एक महिला अगर पहले से गर्भवती और वह फिर से प्रेग्नेंट हो जाती है तो इस स्थिति को सुपरफेटेशन कहते हैं. सुपरफेटेशन तब होता है जब मौजूदा गर्भावस्था के दौरान दूसरी गर्भावस्था होती है. यह तब होता है जब पहले अंडे के निषेचित होने और गर्भ में प्रत्यारोपित होने के कुछ दिन या सप्ताह बाद दूसरा अंडा होता है.इंसान में सुपरफेटेशन अत्यंत दुर्लभ है. मेडिकल के इतिहास में कुछ ही मामलों में इसकी पुष्टि हुई है. जैसे- मछली, खरगोश और बेजर जैसे अन्य जानवरों में ऐसी चीजें होना आम बात है.


सुपरफेटेशन क्यों होता है?


सुपरफेटेशन से पैदा हुए बच्चे जुड़वां नहीं होते हैं. बल्कि दो अलग-अलग गर्भधारण होते हैं. वे एक ही दिन एक ही जन्म के दौरान पैदा हो सकते हैं. और अक्सर उन्हें जुड़वां माना जाता है.डॉक्टर अब तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि सुपरफेटेशन क्यों हो सकता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान ओव्यूलेशन बहुत कम होता है.सुपरफेटेशन को सुपरफेकंडेशन से भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए. जो तब होता है जब एक ही चक्र के दौरान जारी दो अंडे दो अलग-अलग पिताओं द्वारा अलग-अलग समय पर निषेचित होते हैं.


गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन का लेवल होता है हाई


गर्भवती होने पर आपको ओव्यूलेट करना होता है  और गर्भावस्था के हार्मोन इसके खिलाफ काम करते हैं. गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन का लेवल काफी ज्यादा हाई होता है. आपके शरीर को दूसरा अंडा जारी करने से रोकता है.भले ही आप ओव्यूलेट करें और दूसरा अंडा जारी हो स्पर्म को उस अंडे से फ्यूजन करना होगा. गर्भावस्था के दौरान बनने वाला गाढ़ा ग्रीवा बलगम स्पर्म को गुजरने से रोकता है.फ्यूजन वाले अंडे को गर्भाशय की परत में ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता होती है. जो पहले से ही स्थापित गर्भावस्था के हार्मोनल परिवर्तनों के कारण लगभग असंभव है.


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हालांकि मनुष्यों में सुपरफेटेशन मुश्किया या यूं कहे कि रेयर है, लेकिन यह दूसरे जानवरों में आम बात हो सकता है. जिसमें कृंतक, खरगोश, घोड़ा, भेड़, कंगारू, बिल्लियां और मछलियों की कुछ प्रजातियां शामिल हैं. इन जानवरों में सुपरफेटेशन वास्तव में अधिक बच्चे पैदा करने की संभावना को बढ़ाने के लिए एक प्रजनन रणनीति हो सकती है. यदि आप गर्भवती हैं और आपके पहले तिमाही के अल्ट्रासाउंड में लगभग एक ही उम्र और आकार के दो बढ़ते भ्रूण दिखाई देते हैं. तो संभावना है कि आपको जुड़वां बच्चे होंगे और भविष्य में दो शिशुओं के आकार में कोई भी अंतर विकास संबंधी विसंगतियों के कारण होगा न कि गर्भधारण के अलग-अलग दिनों के कारण.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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