Maternal Obesity: मोटापा अपने आप में एक गंभीर बीमारी. साथ यह कई सारी बीमारियों की एंट्री गेट है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ना आम बात है लेकिन कुछ महिलाओं का वजन इस तरीके से बढ़ता है कि वह वापस से दोबारा शेप में नहीं आ पाती हैं. मायो क्लिनिक के मुताबिक अगर गर्भ में एक बच्चा है तो 5-9 कि.ग्रा वजन बढ़ना नॉर्मल है. वहीं एक से अधिक बच्चा है तो 11-19 कि. ग्रा तक वजन बढ़ सकता है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हद से ज्यादा वजन बढ़ना बच्चे और मां दोनों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है. 


गर्भावस्था के दौरान मोटापा के कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. मोटापा बढ़ने से कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बारे में आज हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे. 


मां को होने वाली समस्याएं


प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई सारी दिक्कतें होती है. आइए जानें कौन-कौनी सी समस्या


जेस्टेशनल डायबिटीज
जिन महिलाओं का BMI 30 या उससे ज्यादा होता उन्हें जेस्टेशनल डाइबिटीज का खतरा काफी ज्यादा रहता है. इस समस्याओं के कारण कई समस्या हो सकती है. इसके कारण हाई बीपी और कई सारी कॉम्प्लिकेशन्स हो सकते हैं. इससे मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. 


प्रीएक्लेम्प्शिया


मेटरनल ओबेसिटी प्रीएक्लेम्पिशिया के कारण भी काफी ज्यादा वजन बढ़ने लगता है. यह प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन और बीपी का कारण भी बनता है. सिर्फ इतना ही नहीं इसके कारण ऑर्गन भी डैमेज होने लगते हैं. इसकी वजह से समय से पहले डिलीवरी , फीटल डिस्ट्रेस, लेबर पेन, सी-सेक्शन और हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती है. 


स्लीप एपनिया
मोटापा के कारण स्लीप एपनिया का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ता है. जिसके कारण थकान, हाइपरटेंशन और प्रेग्नेंसी से जुड़ी दिक्कतें हो सकती है. 


ब्लड क्लॉटिंग


प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड क्लोटिंग की समस्या हो सकती है. जिसके कारण ब्लड क्लॉटिंग की दिक्कत हो सकती है. यह एक खतरनाक और गंभीर बीमारियों के संकेत हो सकते हैं. पल्मनरी एम्बोलिज्म (PE) और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT).


प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ ऐसी लाइफस्टाइल फॉलो करें


रिप्रोडक्टिव हेल्थ अच्छी रहे इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखें. इसके कारण आप मोटापा से बच सकते हैं. 


हद से ज्यादा मोटापा तब होता है जब आप लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियां करते हैं. इसके कारण हार्मोनल इनबैलेंस बिगड़ता है. मेंसुरेशन साइकिल पर असर होता है. ओव्युलेशन बेहतर. जिसके कारण कंसीव करने में परेशानियां नहीं होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी वजन मेंटेन करें. इससे काफी ज्यादा फायदा होता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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