डिलीवरी के बाद पेट के निचले हिस्से में है दर्द, तो हो सकते हैं ये कारण...डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें
जिसकी वजह से पेट में दर्द, पैरों में सूजन, जी मिचलाना, उल्टी, कब्ज और डायबिटीज जैसे छोटी- मोटी दिक्कत हो सकती है.
प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला को कई तरह की दिक्कतों से गुजरना पड़ता है. शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जिसकी वजह से पेट में दर्द, पैरों में सूजन, जी मिचलाना, उल्टी, कब्ज और डायबिटीज जैसे छोटी- मोटी दिक्कत हो सकती है. लेकिन कुछ महिलाओं में डिलीवरी के बाद भी पेट में असहजता, पेट के निचले हिस्से में दर्द बनी रहती है. कुछ महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत के साथ-साथ पेट स्वेलिंग हो जाता है. आज हम अपने आर्टिकल के जरिए इसी पर बात करेंगे.
ओवरी का नॉर्मल पोजीशन में आना
डिलीवरी के छठे हफ्ते में पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है. इसे मेडिकल की भाषा में आफ्टरपेन्स कहते हैं. कुछ महिलाओं को यह इसलिए भी होता है क्योंकि पीरियड्स दोबारा शुरू होता है. इसलिए इसे होने से पहले से दर्द शुरू होता है. डिलीवरी के बाद महिलाओं के पेट के टिश्यूज और ओवरी वापस नॉर्मल पॉजिशन में आने के प्रोसेस में होते हैं. ऐसे में महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है.
कब्ज की समस्या होना
ओवरी को नॉर्मल पॉजिशन में आने के कारण या कब्ज की समस्या की वजह से भी पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है. डिलीवरी के बाद इसका सीधा असर महिलाओं के पाचन क्रिया पर पड़ता है. इसलिए ऑपरेशन के बाद डाइट को लेकर परहेज करें और सोच समझकर ही खाएं.
दवाओं का असर
डिलीवरी के बाद महिलाओं को एनेस्थेटिक और दर्द निवारक मेडिसिन के कारण भी पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है. डिलीवरी के बाद हार्मोनल चेंजेज, पाइल्स की समस्या भी हो सकती है.
सिजेरियन की हीलिंग
सी-सेक्शन के बाद महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में अक्सर दर्द की समस्या होती है. क्योंकि सी-सेक्शन के बाद पेट में हीलिंग का प्रोसेस चलता रहता है. जहां पर स्टीच लगा रहता है वहां भी हल्का दर्द महसूस होता है. वहीं कुछ महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में सूजन भी हो जाता है.
डिलीवरी के पेट में अक्सर दर्द रहता है तो इन बातों का खास ख्याल रखें
डिलीवरी के बाद ओवरी को वापस से नॉर्मल पॉजिशन में आने में वक्त लगता है. इसलिए दर्द होना आम बात है लेकिन अगर दर्द बढ़ा हुआ है तो इसे नजरअंदाज न करें. गुनगुना पानी पिएं.
डाइट में फाइबर से भरपूर खाना खाएं. जैसे- सब्जियां, नट्स और दाल
डिलीवरी के बाद महिलाओं को योग या एक्सरसाइज को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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