पोटेशियम हार्ट हेल्थ के लिए जरूरी पोषक तत्व है और इसे संतुलित आहार का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. यह न केवल हाई बीपी के जोखिम को कम करने में मदद करता है, बल्कि दिल की बीमारी (सीवीडी) जैसे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी कम करता है. इलेक्ट्रोलाइट के रूप में पोटेशियम नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों के, हृदय की गतिविधि को नियंत्रित करता है, और आपके शरीर की कोशिकाओं के भीतर पोषक तत्वों और अपशिष्ट की आवाजाही में सहायता करता है। जबकि पोटेशियम और हृदय स्वास्थ्य के बीच संबंध जटिल है, यह अच्छी तरह से स्थापित है.


पोटैशियम की कमी के कारण दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा


उनका कहना है कि पोटैशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है. शरीर में पोटैशियम की कमी जिसे हाइपोकैलेमिया के रूप में जाना जाता है. इसमें हार्ट फंक्शन सही से काम नहीं करता है. इसकी कमी के कारण हृदय संबंधी समस्याओं जैसे कि धड़कन, दिल का दौरा या गंभीर मामलों में अचानक हृदय गति रुकना आदि का जोखिम बढ़ सकता है.


आयरन की कमी के कारण हाई बीपी, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. दिल की धमनियों के अंदर चिकनी मांसपेशियों की सेल्स में कैल्शियम की कमी के कारण कैल्सीफिकेशन को रोकने में भी मदद कर सकता है. उनका कहना है कि यह एथेरोस्क्लेरोसिस में योगदान होता है. जिसके कारण धमनियां सख्त हो जाती हैं.


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शरीर में पोटेशियम की कमी है या आप हाइपोकैलिमिया से पीड़ित हैं, तो यहां दिल से जुड़ी समस्याएं और लक्षण दिखाई दे सकते हैं. 


दिल की धड़कन तेज़ होना


सांस लेने में तकलीफ़


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दिल का रुकना, या गंभीर मामलों में अचानक हार्ट बीट तेज होना. 


पोटैशियम से भरपूर डाइट को अपने शामिल करें


पोटेशियम से भरपूर फल जैसे केला, आलू, एवोकाडो और पत्तेदार सब्जियां खाना.


डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में पोटैशियम की कमी के कारण हो सकती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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