Power Nap Vs Lengthy Sleep: हेल्दी और पूरे दिन एनर्जेटिक रहने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि आपके दिनभर के कामों में प्रोडक्टिविटी लाने का काम 'गुड स्लीप' ही करती है. अगर आप पूरे दिन थके-थके रहेंगे तो आपके कई काम इसकी वजह से प्रभावित होंगे. ऐसा कहा जाता है कि हर वयस्क को दिन में 8 घंटे की नींद जरूरी लेनी चाहिए. मगर बिज़ी शेड्यूल और आजकल के लाइफस्टाइल की वजह अक्सर ऐसा पॉसिबल नहीं हो पाता. इसलिए कई लोग 'पावर नैप' से काम चला लेते हैं.
पावर नैप का कॉन्सेप्ट इन दिनों इसलिए ज्यादा पॉपुलर है, क्योंकि लोगों का मानना है कि ये 8 घंटे की नींद नहीं ले पाने की वजह से शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को कम देता है. दरअसल 15-20 मिनट की झपकी को पावर नैप कहा जाता है. अब सवाल उठता है कि क्या पावर नैप वास्तव में नींद की कमी की भरपाई कर सकता है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन में वक्त-वक्त पर पावर नैप लेने के कई फायदे होते हैं.
क्या पावर नैप के लिए कोई सही वक्त है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पावर नैप लेने का कोई सही वक्त नहीं होता है. इसका वक्त पूरी तरह से व्यक्ति की जरूरत पर निर्भर करता है. अगर आप सुबह 9 बजे से शाम के 6 बजे तक शिफ्ट करते हैं तो आपके लिए पावर नैप लेने का सही वक्त लंच के बाद होगा यानी दोपहर 12.30 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच. हालांकि शाम 4 बजे के बाद झपकी लेना एक हेल्दी आदत नहीं है. क्योंकि इससे आपकी रात की नींद प्रभावित हो सकती है.
पावर नैप की अवधि को सीमित करने के पीछे का साइंस स्लीप इनर्शिया ट्रस्टेड सोर्स नाम की चीज पर निर्भर करता है. ये टर्म उस फीलिंग के बारे में बात करता है, जिसे हम सुस्ती के तौर पर जानते हैं. सुस्ती की वजह से हमारा सिर भारी होता है और थकान महसूस होती है. आमतौर पर ऐसा तब होता है, जब हम लंबे नैप के बाद उठते हैं. इसकी वजह पूरे दिन की हमारी परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ता है.
अगर कोई व्यक्ति लगातार अच्छी नींद नहीं ले पा रहा है और सिर्फ पॉवर नैप से काम चला रहा है तो वो उस व्यक्ति से बेहतर स्थिति में है, जो न तो अच्छी नींद ले पा रहा है और ना ही पॉवर नैप. ऐसा इसलिए क्योंकि पॉवर नैपिंग नींद की कमी को काफी हद तक पूरा कर सकता है.
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