Anaesthesia: किसी सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है. यह एक ऐसी दवा होती है, जिससे ऑपरेशन के वक्त मरीज को दर्द महसूस न हो. आज के समय में इस बात से ज्यादातर लोग अवगत हैं. लेकिन जिस चीज से अधिकतर लोग अनजान हैं, वह ये कि एनेस्थीसिया लेने से पहले उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ता है. इससे वे दवा के साइड इफेक्ट से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. आइये जानते हैं उनके बारे में.


एनेस्थीसिया कितने प्रकार के होते हैं?


एनेस्थीसिया तीन तरह के होते हैं:


सामान्य एनेस्थीसिया: यह मरीज को बेहोश कर देता है ताकि वे दर्द महसूस न कर सकें. इस दवा को गैस या वाष्प के रूप में लिया जा सकता है, जैसे मास्क या ट्यूब के माध्यम से सांस लेते हैं। इसके अलावा इंजेक्शन के माध्यम से भी डॉक्टर इसे मरीज के नस में डालते हैं.


रीजनल एनेस्थीसिया: यह शरीर के उस सामान्य क्षेत्र को सुन्न कर देता है जहां सर्जरी की जाएगी। डॉक्टर नसों में यह दवा इंजेक्ट करते हैं. अगर शरीर के निचले हिस्से में सर्जरी होती है, तो उसे सुन्न करने के लिए रीढ़ की हड्डी में लगाया जाता है। इसमें मरीज पूरी तरह से सोता नहीं हैं, लेकिन पूरी तरह से जगा हुआ भी नहीं होता.


लोकल एनेस्थीसिया: शरीर के एक बहुत छोटे हिस्से को सुन्न करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इस दवा को या तो इंजेक्ट कर सकते हैं या फिर स्किन पर रगड़ सकते हैं. इसका इस्तेमाल तिल हटाने जैसी छोटी प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है.



एनेस्थीसिया लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?


इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को यह जरूर बताएं कि आप कौन सी दवाएं लेते हैं.
इसके अलावा अगर कोई एलर्जी हो, तो उसके बारे में भी पहले ही बता दें.
हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, लिवर या किडनी की बीमारी, स्लीप ऐपनिया या थायरॉयड सहित कोई हेल्थ इशू हो.
अस्थमा, सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस या सांस लेने की कोई अन्य समस्या हो.
अगर स्मोकिंग कर रखी है या फिर शराब और नशीले पदार्थों का सेवन किया हो, तो इंजेक्शन लेने से पहले डॉक्टर को जरूर बताएं.
हाथ या पैर में पहले से ही सुन्नता या कमजोरी महसूस हो रही हो, तो जानकारी दे दें.
गर्भवती महिला विशेषरूप से डॉक्टर को इसके बारे में बताएं.
अगर पहले कभी एनेस्थिसिया से कोई रिएक्शन हुआ हो, तो डॉक्टर को जरूर बता दें.