गर्भावस्था में दमा का अटैक पड़ने से हो सकती हैं ये परेशानियां, एक्सपर्ट से जाने क्या करें, क्या नहीं!
अस्थमा के रोगियों कभी भी अटैक पड़ सकता है लेकिन यदि गर्भावस्था में पड़ता है ये मां और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है. जानें ऐसी स्थिति में क्या करें, क्या नहीं.
![गर्भावस्था में दमा का अटैक पड़ने से हो सकती हैं ये परेशानियां, एक्सपर्ट से जाने क्या करें, क्या नहीं! Pregnancy and asthma know ho to Managing your symptoms गर्भावस्था में दमा का अटैक पड़ने से हो सकती हैं ये परेशानियां, एक्सपर्ट से जाने क्या करें, क्या नहीं!](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2016/04/06101630/Acupressure-for-asthma-777x437.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: गर्भावस्था के दौरान अस्थमा का अटैक किसी भी महिला के लिए गंभीर स्थिति होती है. इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था की शुरूआत में ही अस्थमा की जांच करा लेनी चाहिए. उचित समय पर अस्थमा का इलाज ना किया जाए तो महिला और होने वाले बच्चे दोनों की जान खतरे में पड़ सकती है.
क्या कहती है रिसर्च- एक स्टडी के अनुसार 10 प्रतिशत दमा पीड़ित महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा समय लगता है.
एक अन्य रिसर्च के अनुसार इंहेलर के गलत इस्तेमाल के कारण गले में दवा के कण इकट्ठे होने से गले के कैंसर होने का खतरा भी होता है. इसलिए इंहेलर का सही ढंग से प्रयोग करना जरूरी है. अस्थमा के पीड़ितों को इंहेलर का प्रयोग करते समय तुरन्त मुंह नही खोलना चाहिए, जिससे दवा के कण सीधे फेफड़ों में पहुंच सकें. इसके साथ ही इंहेलर इस्तेमाल करने का सही तरीका हमेशा डॉक्टर से चेक कराते रहें, जिससे अस्थमा को नियंत्रित करने में मदद मिल सकें.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- जेपी अस्पताल नोएडा के सीनियर कंसल्टेंट रेस्पेटरी मेडिसिन डॉ. ज्ञानेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उच्च रक्तचाप की समस्या और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. इसके साथ ही भ्रूण को ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है. इसके लिए महिलाओं को अपनी अस्थमा के दवाएं लेती रहनी चाहिए और लगातार डॉक्टर के सम्पर्क में रहना चाहिए. इसके साथ गर्भावस्था के दौरान धूल, मिट्टी, धुंआ और दुर्गध आदि एलर्जी वाली चीजो से दूर रहना चाहिए.
नारायणा सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ सतीश कौल ने कहा कि अस्थमा के मरीजों में सांस की नली में सूजन आ जाता है, जिससे सांस की नली सिकुड़ जाती है, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है. भारत में लगातार अस्थमा के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, यहां लगभग 20-30 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित है. इससे बचने के लिए सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि आप में दिखने वाले लक्षण दमा के है या नहीं. क्योंकि हर बार सांस फूलना अस्थमा नहीं होता है, लेकिन अगर किसी को अस्थमा है तो उसकी सांस जरूर फूलती है. अस्थमा के रोगियों में सांस फूलना, सांस लेते समय सीटी की आवाज आना, लम्बें समय तक खांसी आना, सीने में दर्द की शिकायत होना और सीने में जकड़न होना आदि लक्षण दिखाई देते है. इस रोग की सही पहचान के लिए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट अनिवार्य है.
धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसलटेंट पल्मोनोलॉजी डॉ. नवनीत सूद ने कहा कि अस्थमा से पीड़ित अधिकांश व्यक्ति को इंहेलर प्रयोग करने से फायदा नहीं मिल पाता, जिसका कारण इंहेलर का गलत तरीके से प्रयोग करना होता है. इंहेलर का सही ढंग से प्रयोग न करने पर दवा के कण सांस की नली में नहीं पहुंच पाते, जिससे दवा गले में ही रह जाती है, इससे मरीज को आराम नहीं मिल पाता है.
बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसलटेंट रेस्पीरेटरी मेडिसीन डॉ. ज्ञानदीप मंगल के अनुसार कि अस्थमा की बीमारी सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों में कभी भी हो सकती है. अस्थमा रोग जनेटिक कारणों से भी हो सकता है. अगर माता-पिता में से किसी एक या दोनों को अस्थमा है तो बच्चे में इसके होने की आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही वायु प्रदूषण, स्मोकिंग, धूल, धुआं और अगरबत्ती अस्थमा रोग के मुख्य कारणों में शामिल है."
क्या कहते हैं आंकड़े- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में लगभग 33.9 करोड़ लोग अस्थमा से प्रभावित है, जिसमें भारत में 2-3 करोड़ लोगों को अस्थमा की बीमारी है. वैसे तो अस्थमा के रोगियों कभी भी अटैक पड़ सकता है लेकिन यदि किसी मरीज को खाने की किसी चीज से एलर्जी है तो अस्थमा का एक बड़ा अटैक पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही पोलेन, प्रदूषण, श्वसन संक्रमण, सिगरेट के धुंआ भी अस्थमा के जोखिम को बढ़ा देते है.
ये एक्सपर्ट और रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)